विधानसभा चुनाव के नतीजों के आने के बाद राज्य में कई जगहों पर हुई हिंसा के बीच तृणमूल कांग्रेस की नेता ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली। बुधवार सुबह राज्यपाल जगदीप धनकड़ ने उन्हें पद व गोपनीयता की शपथ दिलाई।
पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस की शानदार जीत के पीछे विश्लेषक तरह-तरह के कारण गिना रहे हैं। कोई ममता की लोकप्रियता को वजह बता रहा है तो कोई उनके काम को।
तृणमूल कांग्रेस की नेता ममता बनर्जी 5 मई को एक सादे समारोह में राजधानी कोलकाता में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगी। उन्हें सोमवार को हुई एक बैठक में तृणमूल कांग्रेस विधायक दल का नेता आम सहमति से चुन लिया गया है।
नंदीग्राम में अपनी हार के बावजूद ममता बनर्जी को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा देने की आवश्यकता नहीं है। यह भारतीय संविधान के अनुच्छेद 164 (4) के कारण है।
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के आख़िरी तीन चरण ख़ासकर सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और उसकी प्रमुख ममता बनर्जी के लिये बेहद अहम हैं। इस दौर में चार मुसलिम बहुल इलाक़ों की सीटें ममता की सत्ता में वापसी में सबसे निर्णायक भूमिका निभा सकती हैं।
ऐसे समय जब पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 में वोटों के ध्रुवीकरण की कोशिशें सभी पक्ष कर रहे हैं, बीजेपी ने ममता बनर्जी का एक कथित टेप सार्वजनिक कर दिया है और उन पर लाशों की राजनीति करने का आरोप लगाया है।
चुनाव आयोग ने सोमवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को 24 घंटे तक चुनाव प्रचार करने से रोक दिया था। यह रोक 12 अप्रैल की रात 8 बजे से 13 अप्रैल की रात 8 बजे तक लागू रहेगी।
सवाल यह है कि ममता के ख़िलाफ़ बीजेपी के सफल धार्मिक ध्रुवीकरण का मुख्य कारण अगर वर्तमान मुख्यमंत्री की कथित मुसलिम तुष्टिकरण की नीतियाँ हैं तो क्या राज्य के हिंदू मतदाता घोर नास्तिक माने जाने वाले मार्क्सवादियों की हुकूमत में पूरी तरह से संतुष्ट थे?
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कूचबिहार ज़िले के शीतलकुची में हुई गोलीबारी को नरसंहार करार देते हुए कहा है कि वे चुनाव आयोग के 72 घंटे का प्रतिबंध ख़त्म होते ही वहाँ जाएंगी और पीड़ितों के परिजनों से मिलेंगी।
पश्चिम बंगाल में चौथे चरण का मतदान शुरू होने के ठीक आधे घंटे बाद यह ‘पीके बम’ फोड़ दिया गया। ट्विटर पर बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने यह बम फोड़ा।