बंगलूरु से लेकर दिल्ली तक इंडिया बनाम एनडीए चल रहा है लेकिन महाराष्ट्र में अलग ही खिचड़ी पक रही है। उपमुख्यमंत्री और एनसीपी नेता अजीत पवार एक तरफ शरद पवार से मिल रहे हैं तो दूसरी ओर शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे, उनके बेटे आदित्य ठाकरे के अलावा उनके साथी विधायकों से भी मुलाकात कर चुके हैं। आखिर चल क्या रहा है?
महाराष्ट्र की राजनीति रोजाना रंग बदल रही है। एनसीपी नेता और डिप्टी सीएम अजीत पवार और शिवसेना यूबीटी प्रमुख उद्धव ठाकरे की आज बुधवार को मुलाकात हुई तो तमाम कयासबाजियां शुरू हो गईं। राजनीति में कोई मुलाकात सिर्फ शिष्टाचार के लिए नहीं होती। लेकिन दोनों पक्ष इसे शिष्टाचार बता रहे हैं।
महाराष्ट्र में आज 16 जुलाई को नया घटनाक्रम उस समय सामने आया जब डिप्टी सीएम अजीत पवार, प्रफुल्ल पटेल ने अपने गुट के एनसीपी विधायकों के साथ एनसीपी प्रमुख शरद पवार से मुलाकात की।
भाजपा के लिए महाराष्ट्र में मुश्किलें बढ़ रही है। अभी तक एनसीपी कोटे से मंत्री बने 9 लोगों को विभागों का आवंटन नहीं हुआ है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे गुट ने भाजपा पर जबरदस्त दबाव बनाकर विभागों का आवंटन रुकवा दिया है। इसी मसले पर भाजपा के केंद्रीय नेताओं से बात करने अजीत पवार और प्रफुल्ल पटेल दिल्ली आए हुए हैं।
एनसीपी प्रमुख शरद पवार पार्टी को खड़ी करने के लिए फिर से महाराष्ट्र की जनता के बीच जा रहे हैं। 82 साल के शरद पवार आज 8 जुलाई को नासिक जिले में रैली को संबोधित करेंगे। उन्होंने कहा कि अभी तो ये शुरुआत है।
मणिपुर जातीय हिंसा में जल रहा है तो महाराष्ट्र में राजनीतिक आग लगी हुई है। आखिर ये आग किसकी लगाई हुई है, किसी को देश की भी चिन्ता है। राकेश अचल की टिप्पणीः
महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कल बुधवार शाम को बैठक बुलाई और उसी दौरान उनके इस्तीफे की खबर भी फैली। बाद में मीडिया को शिंदे गुट और भाजपा की ओर से यही बताया गया कि सब अफवाह है। शिंदे गुट अब कह रहा है कि हमने अन्य मुद्दों पर बात करने के लिए बैठक की थी। लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और है। महाराष्ट्र में राजनीतिक घटनाएं अब अचानक हो रही हैं।
मोदी ने महाराष्ट्र में एनसीपी में विभाजन तो करा दिया अजित पवार के जरिए. पर क्या जनता में भी विभाजन हो पाएगा? क्या चौबीस में अजित पवार मोदी की मदद कर पाएंगे? और शिंदे का क्या होगा? आज की जनादेश चर्चा.
महाराष्ट्र में एनसीपी के खेला का अंत अभी हुआ नहीं है। अजित पवार शक्ति प्रदर्शन में भारी पड़े लेकिन वांछित 36 विधायक नहीं जुटा सके। अब यह मामला चुनाव आयोग और विधानसभा स्पीकर के पास पहुंच गया है और वहीं तय होगा कि असली एनसीपी किसके पास है। इससे पहले उद्धव ठाकरे की शिवसेना भी ऐसे ही टूटी थी। अब एकनाथ शिंदे का शिवसेना पर कब्जा है। जबकि उद्धव को नए नाम से काम चलाना पड़ रहा है।
महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे गुट ने भी अपनी रणनीति बनाना शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री ने आज अपने आवास पर शाम को अपने गुट के विधायकों की बैठक बुलाई है। उद्धव ठाकरे को छोड़कर आए 40 विधायकों ने शिंदे से कहा है कि वो सारे घटनाक्रम पर कोई न कोई फैसला जरूर लें। शिंदे गुट अब एनसीपी के 9 विधायकों को मंत्री बनाए जाने का खुला विरोध कर रहा है।
महाराष्ट्र में एनसीपी आज टूट गई। शक्ति प्रदर्शन में अजित पवार अपने चाचा शरद पवार पर भारी पड़े। अजित कैंप में जहां 29 विधायकों के पहुंचने का दावा किया गया, वहीं शरद पवार कैंप में 17 विधायक, 5 सांसद और 3 एमएलसी पहुंच सके।
मुंबई में आज बुधवार को चाचा-भतीजे की राजनीतिक जंग का अगला दौरा शुरू होने जा रहा है। दोनों तरफ से विधायकों की बैठक बुलाई गई है। सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या आज अजित पवार कम से कम 36 विधायकों को जुटा पाएंगे। क्योंकि दल बदल कानून से बचने के लिए अजित को 36 विधायकों का समर्थन चाहिए।
Satya Hindi news Bulletin सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन । शिंदे गुट बोला- अब ठाकरे के साथ जा सकते हैं हमारे नेता । महाराष्ट्रः अजित पवार के साथ अब कितने MLAs, कई तो लौट गए
शरद पवार और अजित में रस्साकसी जारी ? अजित क्यों नहीं बता पा रहे हैं कि कितने विधायक है उनके पास ? शिंदे गुट नाराज़ हैं क्योंकि उसका स्पेस सिकुड़ गया है ? शरद पवार खड़ा कर पायेंगे अपनी पार्टी और क्या अब कांग्रेस का नंबर है ? आशुतोष के साथ चर्चा में जावेद अंसारी, वाहिद अली और रोहित चंदावरकर ।
एनसीपी नेता अजित पवार के सरकार में आने से मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे गुट का समीकरण बिगड़ गया है। शिंदे ने उद्धव का साथ छोड़ने की बड़ी वजह एनसीपी और अजित पवार भी बताई थी। अब शिंदे और उनके विधायक परेशान हैं। अभी तक मंत्री पद का इंतजार कर रहे विधायक ज्यादा बेचैन है। ऐसे विधायक वापस उद्धव खेमे में लौट सकते हैं।