महाकुंभ में आने वाले लाखों आम लोगों के प्रति सरकारी उदासीनता इस बात को दर्शाती है कि कैसे सब कुछ सिर्फ वीआईपी लोगों के लिए ही सुविधाओं को ध्यान में रखकर किया जा रहा है। इस बड़े प्रचार से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की छवि ‘बड़ी हो सकती है’ - जिससे उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति भी मिल सकती है; लेकिन क्या इससे आम हिंदू श्रद्धालु की दुर्दशा कम होगी, जिनकी उम्मीदें जमीनी स्तर पर हो रही परेशानियों के कारण धराशायी हो रही हैं?