पिछले विधानसभा चुनाव में ‘माफ़ करो महाराज’ का नारा उछालने वाले पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का ‘सुर’ भी बदला हुआ है और अब वह कह रहे हैं - स्वागत है महाराज, साथ हैं शिवराज।’
कांग्रेस नेताओं का कहना है कि गद्दारी सिंधिया राजघराने के खून में है और 1857 की क्रांति में इस राजघराने ने झांसी की रानी लक्ष्मीबाई से गद्दारी की तथा कठिन समय में ज्योतिरादित्य ने कांग्रेस से गद्दारी की है।
मध्य प्रदेश में तेजी से बदले घटनाक्रम के बाद कमलनाथ सरकार की मुश्किलें बढ़ गई हैं। सवाल उठ रहा है कि क्या पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को कांग्रेस से इस्तीफ़ा देने के लिये मजबूर किया। क्या इस पूरे घटनाक्रम में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की भी भूमिका है। सुनिए, वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष और मुकेश कुमार की बातचीत।
कांग्रेस की ओर से दावा किया जा रहा है कि पार्टी को इस्तीफ़ा भेजकर सिंधिया में आस्था जताने वाले 19 विधायकों में आधे से ज्यादा विधायक बीजेपी में जाने को राजी नहीं हैं।
क्या बीजेपी को भी अपने विधायकों की ख़रीद-फरोख़्त का डर है। अगर ऐसा नहीं होता तो वह अपने विधायकों को मंगलवार रात को ही भोपाल से दिल्ली और फिर गुड़गांव क्यों लेकर आती।
डी.के. शिवकुमार ने दावा किया है कि वह बाग़ी विधायकों के संपर्क में हैं और बाग़ी विधायक जल्दी वापस लौटेंगे। उन्होंने कहा कि कर्नाटक में कांग्रेस के 19 विधायक पुलिस की हिरासत में हैं।
सिंधिया के कांग्रेस छोड़ने और उनके समर्थक विधायकों (छह मंत्री भी शामिल) के विधानसभा से इस्तीफ़ा देने के बाद अब नाथ सरकार का बच पाना नामुमकिन हो गया है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस से इस्तीफ़ा दे दिया है। इसके अलावा कई विधायक और मंत्रियों ने भी मध्य प्रदेश विधानसभा के स्पीकर को अपना इस्तीफ़ा भेज दिया है।