पिछले हफ़्ते सर्वोच्च न्यायालय ने ‘भीड़ न्याय’ के ख़िलाफ़ सख़्त रुख़ दिखाया तो लेकिन घटनाएँ बढ़ गयीं। ऐसा क्यों हुआ? क्यों अपराधियों को सज़ा नहीं मिल पा रही है, उनको किनका संरक्षण मिल रहा है?
क्या लिंचिंग का जवाब बंदूक की गोली हो सकती है? बंदूक की गोली से शांति कैसे आएगी? ऐसे में देश में आत्म-सुरक्षा के नाम पर हथियारों की ट्रेनिंग देने, हथियार ख़रीदने और लाइसेंस रखने की वकालत क्यों की जा रही है?
देश का लगभग आधा हिस्सा विभाजन, नफ़रत और दमन की राजनीति में पिचका जा रहा है। मॉब लिंचिंग, सांप्रदायिक विद्वेष और जातीय-टकराव के 90% से ज़्यादा मामले उत्तर या मध्य भारत में क्यों?
उत्तर प्रदेश विधि आयोग ने मॉब लिन्चिंग रोकने के लिए क़ानून का मसौदा राज्य सरकार को भेज दिया है, पर इससे वे ही डरे हुए हैं, जिनकी सुरक्षा का दावा किया जा रहा है।
आशुतोष पूछते हैं, मुसलिमों के ख़िलाफ़ लिंचिंग के मामले पर क्या राज्यसभा में प्रधानमंत्री मोदी का भाषण कड़ी कार्रवाई की ओर इशारा करता है? क्या मोदी की भाषा लिंचिंग करने वाली भीड़ के ख़िलाफ़ सख्त कार्रवाई करने वाली नहीं होनी चाहिए थी? देखिए आशुतोष का वीडियो।
गोरक्षा के नाम पर महिला समेत तीन लोगों की बेरहमी से पिटाई करने का एक वीडियो वायरल हुआ है। वीडियो में कथित गोरक्षक एक महिला समेत तीन लोगों को बंधक बनाकर बेरहमी से पीटते नज़र आ रहे हैं।
अमेरिका से एमबीए करने वाले और कॉरपोरेट जगत में लंबे समय तक ऊंचे पदों पर काम करने वाले जयंत सिन्हा पीट पीट कर मार डालने के मामले के अभियुक्तों की आर्थिक मदद करते हैं। लेकिन क्यों?