मायावती ने कहा कि कांग्रेस यूपी की सभी 80 सीटों पर उम्मीदवार उतारने के लिए पूरी तरह स्वतंत्र है और गठबंधन अकेले ही भारतीय जनता पार्टी को हराने के लिए काफ़ी है।
2014 के लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कई वादे किए थे। सरकार को लगभग 5 साल पूरे हो चुके हैं, ऐसे में यह जवाब माँगा जा रहा है कि उन वादों का क्या हुआ।
एजीपी के साथ पुनर्मिनल से बीजेपी को क्या लाभ मिलेगा? इस पर फ़िलहाल तो कुछ कहा नहीं जा सकता है पर यह तय है कि विपक्षी कांग्रेस और एआईयूडीएफ़ में घमासान मचेगा।
जिस देश की 60 फ़ीसदी आबादी रोजाना तीन डॉलर यानी 210 रुपये से कम की आमदनी में अपना गुजारा करती है, वहाँ एक अनुमान के मुताबिक़ 2019 के आम चुनाव में प्रति वोटर आठ डॉलर यानी 560 रुपये ख़र्च होने जा रहा है।
अनुराग ठाकुर ने भी अगले चुनाव को लेकर एड़ी-चोटी का ज़ोर लगा रखा है, लेकिन पिता और पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल की हार के बाद से कुछ नए नामों की चर्चा है।
महागठबंधन की काट, प्रियंका फ़ैक्टर से निपटने और एंटी इनकंबेंसी को रोकने के लिए बीजेपी उत्तर प्रदेश में बड़े पैमाने पर अपने मौजूदा सांसदों के टिकट काटने जा रही है।
आचार संहिता लागू हो गई है लेकिन महाराष्ट्र में गठबंधन और सीटों के बंटवारे का खेल अभी ख़त्म नहीं हुआ है। आकलन लगाया जा सकता है कि इस बार मुक़ाबला त्रिकोणीय होने वाला है।
चुनाव में एक तरफ मोदी के नेतृत्व में एनडीए गठबंधन है, तो दूसरी तरफ़ यूपीए गठबंधन जिसमें कांग्रेस भी है। देखना है कि विपक्ष कितना एकजुट होकर मोदी के ख़िलाफ़ लड़ पाता है।