लोकसभा चुनाव से ऐन पहले एक के बाद एक कई नेताओं के यहाँ ईडी की कार्रवाई तेज हो गई है। सबसे ताज़ा मामला तो झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का है। जानिए, कौन-कौन नेताओं पर कार्रवाई की जा रही है।
नीतीश कुमार के पाला बदलने के बाद क्या राम मंदिर का मुद्दा अब चर्चा से गायब हो गया है? आख़िर नीतीश कुमार से बीजेपी को क्या फायदा होगा और क्या नीतीश को भी कुछ फायदा मिल पाएगा?
लोकसभा चुनाव के लिए अभी अधिसूचना भी जारी नहीं हुई है, लेकिन समाजवादी पार्टी ने उम्मीदवारों की सूची जारी करनी शुरू कर दी है। जानिए, पहली सूची में किसका किसका नाम।
अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा भले की 22 जनवरी को हो गई है, लेकिन राम मंदिर की भावना को अप्रैल तक कम नहीं होने दी जाएगी। जानिए, आख़िर कैसे लोगों को जोड़े रखने की आरएसएस परिवार की योजना है।
बीजेपी क्या कर्नाटक में लोकसभा चुनाव की तैयारी के तौर पर अपने भटके हुए नेताओं को वापस जोड़ने में जुटी हुई है? जानिए, आख़िर जगदीश शेट्टार को कांग्रेस से वापस बीजेपी में क्यों शामिल कराया।
क्या इंडिया गठबंधन के सहयोगी दलों के बीच चुनाव तक सहमति बन भी पाएगी या नहीं? पश्चिम बंगाल में टीएमसी के बाद अब पंजाब में आप ने इंडिया गठबंधन के सामने मुश्किल खड़ी कर दी है। जानें अब भगवंत मान ने क्या कहा है।
पश्चिम बंगाल में इंडिया गठबंधन को झटका लगा है। जानिए आख़िर क्यों लोकसभा चुनाव को लेकर टीएमसी, कांग्रेस और वामदलों के बीच सीटों का बँटवारा नहीं हो पा रहा है।
कर्पूरी ठाकुर ने मुख्यमंत्री रहते हुए कभी निजी कार्यक्रमों के लिए सरकारी वाहनों का उपयोग नहीं किया। रांची में एक शादी में जाना था तो टैक्सी से गए। एक बार वे एक कार्यक्रम में फटा हुआ कुर्ता पहन कर गए तो चंद्रशेखर ने उनके लिए कुर्ता खरीदने हेतु वहीं चंदा करके धन दिया।
लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी एक साथ कई रणनीतियों पर काम कर रही है। राम मंदिर ही नहीं, बल्कि विपक्षी दलों के नेताओं को लेकर बीजेपी ने एक बड़ी योजना तैयार की है। जानिए, इसकी क्या है योजना।
इंडिया गठबंधन में क्या चीजें अब दुरुस्त हो रही हैं? लोकसभा चुनाव से पहले मेयर के चुनाव के लिए आप और कांग्रेस के बीच सहमति के क्या मायने हैं? जाानिए, आप नेता राघव चड्ढा ने क्या कहा।
क्या इंडिया गठबंधन में सीट बँटवारा होना मुश्किल है? लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी जहाँ आक्रामक अभियान में जुटी है, वहीं सीट बँटवारे के लिए टीएमसी कांग्रेस के साथ बात करने को भी राजी क्यों नहीं?