मोदी 2014 के चुनावों के महानायक बने। लोगों को उम्मीद थी कि वह भ्रष्टाचार को ख़त्म करने के लिए ठोस क़दम उठाएँगे। 2014 में लोकपाल की नियुक्ति भी बड़ा मुद्दा थी।
बिहार में एनडीए ने अपने प्रत्याशियों की लिस्ट जारी कर दी है। बिहार बीजेपी प्रभारी भूपेंद्र यादव ने बताया कि बेगूसराय से गिरिराज सिंह को टिकट दिया गया है।
यह माना जा रहा था कि राष्ट्रीय जनता दल जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार के लिए बेगूसराय की सीट सीपीआई के दे देगा, पर ऐसा नहीं हुआ।
मायावती का राजनीतिक संघर्ष सचमुच चमत्कारिक रहा है, लेकिन क्या वह इस लोकसभा चुनाव में सीटें जीतने और प्रधानमंत्री की दावेदारी पर कुछ वैसा ही चमत्कार दिखा पाएँगी?
क्या कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जितिन प्रसाद कांग्रेस को झटका देने की तैयारी में हैं? यह अटकल काफ़ी तेज़ है कि वह कांग्रेस में ख़ुश नहीं हैं और अपना राजनीतिक करियर बचाने के लिए बीजेपी का दामन थाम सकते हैं।
प्रियंका गाँधी अपनी ओर ध्यान खींचने में सफल रही हैं। पूर्वी उत्तर प्रदेश की अपनी पहली यात्रा के समय भी, अहमदाबाद के अधिवेशन में भी, दलित नेता चन्द्रशेखर से मिलने के समय भी और प्रयाग से वाराणसी की गंगा यात्रा में भी।
भले ही गठबंधन की वजह से बीजेपी को 17 सीटों पर ही चुनाव लड़ना है, मगर पार्टी के कार्यकर्ता मानते हैं कि उसे अलग-अलग इलाक़ों में अपना प्रतिनिधित्व बनाकर रखना चाहिए था।