वर्ष 2024 को लेकर भारत में तमाम आशंकाएं हैं। इन आशंकाओं और अनगिनत समाधान के बीच झूल रहे इस देश में हमारी जिन्दगी का हर पहलू क्या अब राजनीतिक घटनाओं से तय होगा? या फिर भारत के समझदार लोग अपनी जिन्दगी के हर पहलू को राजनीति के भरोसे नहीं छोड़ेंगे। स्तंभकार और चिंतक अपूर्वानंद का नजरियाः
कांग्रेस राहुल गांधी के मोह से बाहर निकल नहीं पा रही है। गुरुवार को कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में जमकर राहुल गांधी का गुणगान हुआ और निशाने पर कमलनाथ आए। सीडब्ल्यूसी की बैठक महत्वपूर्ण फैसले लेने के लिए होती है लेकिन इस बार की बैठक का नजारा अलग था, जबकि लोकसभा चुनाव सिर पर है। जानिए क्या हुआ बैठक मेंः
आरएसएस और उसके सहयोगी संगठन बिहार में पूरी योजना के साथ लोकसभा चुनाव में भाजपा की जीत के लिए काम कर रहे हैं। ये घर-घर जाकर और लोगों से सीधा संपर्क स्थापित कर के उन्हें भाजपा से जोड़ रहे हैं।
विपक्षी इंडिया गठबंधन की दिल्ली के अशोक होटल में मंगलवार को बैठक हुई है। इस बैठक में आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर गठबंधन की रणनीति पर चर्चा की गई है। इसमें कांग्रेस समेत 28 विपक्षी दलों के नेता मौजूद थे।
ऑर्गनाइजर अखबार में मोदी मैजिक और हिन्दुत्व को 2024 आम चुनाव के लिए नाकाफी बताए जाने पर अगले लोगसभा चुनाव की चर्चा शुरू हो गई। पत्रकार कृष्ण प्रताप सिंह ने विपक्ष और सत्तारूढ़ पार्टी के तरकश की पड़ताल की है कि किसके पास क्या मुद्दे हैं।
मुसलमानों में वोटिंग का पैटर्न बिल्कुल अलग है। चुनाव में मुस्लिम मतदान तमाम तरह के फैक्टर पर निर्भर करता है। लेकिन पत्रकार यूसुफ अंसारी का अपना आकलन है कि भाजपा पसमांदा मुसलमानों पर चुनाव 2024 के नजरिए से नजर गड़ाए हुए है।
क्या लोकसभा चुनाव इस साल नवंबर-दिसंबर में चार राज्यों के होने वाले विधानसभा चुनावों के साथ कराये जा सकते हैं ? क्या मोदी सरकार के नौ साल की उपलब्धियों के प्रचार पर जोर इसका संकेत हैं ? कम से कम वरिष्ठ पत्रकार विनोद अग्निहोत्री कुछ ऐसा ही सोच रहे हैं।
अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स ने प्रधानमंत्री का राजनीतिक विश्लेषण किया है और पाया है कि भारत जब 2024 के आम चुनाव की ओर बढ़ रहा है, नरेंद्र मोदी की चुनौतियां भी बढ़ रही हैं। वो एक चुनौती को किनारे लगाते हैं तो दूसरी तैयार मिलती है। पढ़िए, पूरी रिपोर्टः
उत्तर प्रदेश की इन 14 सीटों में से 10 सीटें बसपा, 3 सीटें सपा और 1 सीट कांग्रेस के पास है। इनमें से 12 लोकसभा सीटों पर बीजेपी को 2014 के लोकसभा चुनाव में जीत मिली थी। लेकिन 2019 में उत्तर प्रदेश में बने महागठबंधन की वजह से वह इन सीटों को हार गई थी।
कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए मल्लिकार्जुन खड़गे की उम्मीदवारी से कांग्रेस को क्या फायदा होगा? क्या दलित और दक्षिण भारत से उनके होने का फायदा कांग्रेस को 2024 में मिल पाएगा?
2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारी में जहाँ कांग्रेस नेता राहुल गांधी 'भारत जोड़ो यात्रा' निकाल रहे हैं, विपक्षी एकता की कवायद चल रही है, वहीं बीजेपी ने भी अपनी चुनावी रणनीति बनानी शुरू कर दी है। जानिए, बीजेपी ने आज क्या किया।