नीतीश कुमार अब राहुल गांधी से मिलने जा रहें हैं .साफ है यह मोदी सरकार के खिलाफ नए विकल्प की ठोस पहल है .यह भी लग रहा है कि राहुल गांधी नए मोर्चे के नेता के रूप में नीतीश कुमार के नाम पर राजी हैं .आज की जनादेश चर्चा इसी पर .
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भ्रष्टाचार के बहाने नीतीश कुमार और कांग्रेस को घेरने का प्रयास किया है. जवाब में नीतीश ने राज्यों में विधायकों की खरीद फरोख्त का मुद्दा इशारों इशारों में उठा दिया .साफ है मोदी और नीतीश का टकराव बढ़ता जा रहा है. आज की जनादेश चर्चा .
विपक्षी ख़ेमे में हरकत । तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर की नीतीश से मुलाक़ात । बीजेपी मुक्त भारत का नारा । क्या ये सिर्फ़ नारा है या फिर कोई रणनीति ? क्या 2024 में बीजेपी को बहुमत पाने से रोक सकता है विपक्ष ? आशुतोष के साथ चर्चा में प्रो रविकांत, पूर्णिमा त्रिपाठी, तुलसी भोइटे और संतोष सिंह ।
नीतीश कुमार विपक्षी एकता को लेकर पहल कर चुके हैं .वे यह भी साफ कर चुके हैं कि अब तीसरा मोर्चा नही पहला मोर्चा बनाया जाएगा .इसका क्या अर्थ है समझेंगे आज की जनादेश चर्चा में.
क्या बहुमत परीक्षण के दिन बिहार में छापेमारी बताती है कि मोदी-शाह 2024 के चुनाव को लेकर घबराए हुए हैं? क्या वे ED और CBI के छापों के ज़रिए सरकार को अस्थिर और बदनाम करने की रणनीति पर चल रहे हैं?
बिहार में नीतीश कुमार के तेजस्वी यादव के साथ आने से बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए क्या मुश्किलें खड़ी हो गई हैं? ऐसे में लाल कृष्ण आडवाणी को कैसे हालात का इंतज़ार होगा?
बीजेपी खेमे से नीतीश कुमार के हटने से बीजेपी विरोधी सभी पार्टियाँ गदगद हैं, लेकिन क्या वे 2024 में किसी नाम पर एकमत हो पाएँगे? क्या वे दल नीतीश को विपक्ष का नेता मान पाएँगे?
2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी या एनडीए की तरफ़ से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार कौन होंगे, क्या इस सवाल पर संदेह है? तो फिर अमित शाह को या बीजेपी को यह कहने की ज़रूरत क्यों पड़ी?