बीजेपी में उत्तर प्रदेश के कई बड़े नेताओं की राय ऐसी क्यों है कि अब अजय मिश्रा टेनी के इस्तीफ़े के मसले पर जितनी देर की जाएगी, उतना ही ज़्यादा नुक़सान हो सकता है। इसके अलावा मिश्रा के समर्थन में कोई बड़ा नेता क्यों नहीं आया?
एसआईटी द्वारा पूछताछ में सहयोग नहीं करने के आरोपों का सामना कर रहे केंद्रीय मंत्री अजय कुमार मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा अब पुलिस हिरासत में क्या कबूलेंगे?
लखीमपुर खीरी की घटना के बाद किसानों के साथ ही विपक्ष भी योगी सरकार के ख़िलाफ़ मैदान में डट गया है। इससे बीजेपी को 2022 के चुनाव में राजनीतिक नुक़सान हो सकता है।
तीनों ही दलों के कार्यकर्ता बंद के दौरान सड़कों पर उतरे हैं। इस दौरान इन दलों के कार्यकर्ताओं ने मोदी सरकार के विरोध में जमकर नारेबाज़ी की और लखीमपुर की घटना के दोषियों को सजा दिलाने की मांग की।
लखीमपुर में किसानों की हत्या के मामले में किसानों की मांगों को क्या सरकार मानेगी? जानिए, उनकी मांगें नहीं माने जाने पर किस तरह के आंदोलन की चेतावनी दी है।
लखीमपुर खीरी में किसानों की हत्या के मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी की फजीहत तो हो ही रही है, अब उन्होंने एक रिट्वीट कर ख़ुद से फजीहत करा ली। जानिए क्यों हुई उनकी फजीहत।
सुप्रीम कोर्ट की लगातार टिप्पणियों के बाद भी ऐसा नहीं लगता कि यूपी सरकार पर कोई फर्क पड़ा हो। घटना के इतने दिन बीत जाने के बाद भी वह आशीष मिश्रा तक पहुंचने से हिचक रही है।