कर्नाटक में अयोग्य घोषित किए गए विधायकों को पार्टी में शामिल करने और 5 दिसंबर को होने वाले उपचुनाव में उन्हें टिकट देने के मुद्दे पर राज्य बीजेपी अंदर ही अंदर बुरी तरह बँट गई है।
संवैधानिक स्थिति बिल्कुल स्पष्ट है कि राज्यपाल स्पीकर को किसी भी तरह का आदेश या सलाह नहीं दे सकते और स्पीकर राज्यपाल की सलाह या आदेश मानने के लिए बाध्य नहीं हैं।