कपिल सिब्बल की चिट्ठी। कांग्रेस में कोई चिंता और चिंतन नहीं है। क्या कांग्रेस ख़त्म हो जायेगी? आशुतोष के साथ चर्चा में रशीद किदवई, आलोक जोशी और विजय त्रिवेदी!
बिहार चुनाव में घटिया प्रदर्शन ने काँग्रेस नेतृत्व को एक बार फिर से निशाने पर ला दिया है। काँग्रेस के अंदर और बाहर दोनों ओर से उस पर हमले हो रहे हैं, लेकिन वह चुप है। क्या है इस चुप्पी की वज़ह? वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार की रिपोर्ट।
सिब्बल ने अब बिहार के विधानसभा चुनाव और कई राज्यों के उपचुनाव में कांग्रेस के प्रदर्शन को लेकर मुंह खोला है और चुभने वाली टिप्पणी करते हुए कहा है कि लोग अब कांग्रेस को एक प्रभावी विकल्प के रूप में नहीं देखते।