क्या BJP राम मंदिर की आड़ में जातियों का जोड़-तोड़ करना चाहती है? क्या पिछड़ी और दलित जातियों को उद्घाटन में आमंत्रित करना मंडल को कमज़ोर करने की एक और कोशिश है? सामाजिक न्याय की ताक़तें हिंदुत्व के इस हमले का मुक़ाबला कैसे करेंगी?
सिर्फ़ दलित-पिछड़ों की पैरोकार कही जाने वाली पार्टियों या समूहों को ही नहीं, कांग्रेस जैसी बड़ी पार्टी को भी आज डॉ. अम्बेडकर की वैचारिकी से रोशनी लेने की ज़रूरत है।