मध्य प्रदेश में जारी सियासी संकट में राज्यपाल केंद्र की कठपुतली की तरह काम करते दिखाई दे रहे हैं। सवाल यह खड़ा हो रहा है कि कमलनाथ सरकार बच पायेगी या नहीं। बीजेपी और कांग्रेस सरकार बनाने-बचाने के खेल में व्यस्त हैं और लोकतांत्रिक परंपराओं की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। सुनिए, वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष का विश्लेषण।
मध्य प्रदेश में सियासी ड्रामा चरम पर है। विधानसभा के 26 मार्च तक के लिये स्थगित हो जाने के बीच बीजेपी ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है और इस मामले में मंगलवार को सुनवाई होगी। अगर फ़्लोर टेस्ट हुआ तो क्या कमलनाथ अपनी सरकार को बचा पाएंगे? सुनिए, सीधे भोपाल से क्या कहा वरिष्ठ पत्रकार संजीव श्रीवास्तव ने।
मध्य प्रदेश में कांग्रेस के जिन 16 विधायकों से कमलनाथ सरकार ने उम्मीद बांध रखी थी, उन्होंने रविवार सुबह वीडियो बयान जारी करते हुए दो टूक कह दिया है कि उन्होंने ‘इस्तीफ़े स्वेच्छा से दिए हैं।’
विधानसभा स्पीकर ने सिंधिया समर्थक उन छह विधायकों के इस्तीफ़े मंजूर कर लिए हैं जो कमलनाथ काबीना में सदस्य थे और जिन्हें बगावत के चलते मुख्यमंत्री ने मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया था।
मध्य प्रदेश में एकमुश्त दल-बदल के ज़रिए सरकार को गिराने का खेल चल रहा है। पता नहीं, कमलनाथ की सरकार बचेगी या नहीं और बचेगी भी तो क्या दल-बदल के ही सहारे?
मध्य प्रदेश में एकमुश्त दल-बदल के ज़रिए सरकार को गिराने का खेल चल रहा है। कमलनाथ की सरकार गिरेगी या बचेगी भी तो क्या दलबदल के ही सहारे? दल-बदल तो पहले भी होता रहा है लेकिन बीजेपी ने कैसे बदल दिया इस दल-बदल की राजनीति को? देखिए वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार की रिपोर्ट।
पिछले विधानसभा चुनाव में ‘माफ़ करो महाराज’ का नारा उछालने वाले पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का ‘सुर’ भी बदला हुआ है और अब वह कह रहे हैं - स्वागत है महाराज, साथ हैं शिवराज।’
कांग्रेस नेताओं का कहना है कि गद्दारी सिंधिया राजघराने के खून में है और 1857 की क्रांति में इस राजघराने ने झांसी की रानी लक्ष्मीबाई से गद्दारी की तथा कठिन समय में ज्योतिरादित्य ने कांग्रेस से गद्दारी की है।
मध्य प्रदेश में तेजी से बदले घटनाक्रम के बाद कमलनाथ सरकार की मुश्किलें बढ़ गई हैं। सवाल उठ रहा है कि क्या पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को कांग्रेस से इस्तीफ़ा देने के लिये मजबूर किया। क्या इस पूरे घटनाक्रम में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की भी भूमिका है। सुनिए, वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष और मुकेश कुमार की बातचीत।
कांग्रेस की ओर से दावा किया जा रहा है कि पार्टी को इस्तीफ़ा भेजकर सिंधिया में आस्था जताने वाले 19 विधायकों में आधे से ज्यादा विधायक बीजेपी में जाने को राजी नहीं हैं।