बीबीसी डॉक्युमेंट्री की स्क्रीनिंग को लेकर देश में जगह-जगह रस्साकशी शुरू हो गई है। भारत सरकार द्वारा इस पर रोक लगाने के बावजूद यह सोशल मीडिया पर खूब शेयर की जा रही है। हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी में कुछ छात्रों ने स्क्रीनिंग की। जेएनयू में भी कुछ छात्र आज मंगलवार रात 9 बजे इसकी स्क्रीनिंग करने वाले हैं।
जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) का माहौल फिर बिगाड़ने की कोशिश शुरू हो गई है। आपत्तिजनक जातिवादी नारों के खिलाफ अब कम्युनिस्टों को टारगेट करते हुए आपत्तिजनक नारे लिखे गए हैं। उनकी तुलना आतंकी संगठन से की गई है। जानिए पूरा घटनाक्रमः
जेएनयू में जातिवादी नारे लिखे गए, इसके बाद दक्षिणपंथी और वापमंथी छात्र गुटों के बीच टकराव की नौबत आ गई है। दोनों ने एक दूसरे पर ऐसे नारे लिखने का आरोप लगाया। जेएनयू में ऐसी घटनाएं आए दिन हो रही हैं और इसकी आड़ में दोनों पक्षों के छात्रों में संघर्ष होता है। पढ़िए पूरी रिपोर्टः
जेएनयू कैंपस में छात्र नेता आफरीन फातिमा के समर्थन में प्रदर्शन किया और यह सिलसिला देर रात तक चला। यूपी भवन पर सोमवार को जेएनयू छात्र संघ ने फातिमा के समर्थन में फिर प्रदर्शन आयोजित किया है। जेएनयू अब पूरी तरह आफरीन के समर्थन में आ गया है।
भुखमरी, हिंसा, अपराध, गरीबी और व्यवस्था का अत्याचार झेलने वाले समुदाय से आने वाले बच्चों के लिए क्या जेएनयू और यूनिवर्सिटी ऑफ़ कैलिफोर्निया तक का सफर क्या इतना आसान है? जानिए जेएनयू स्कॉलर सरिता माली की कहानी।
जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) के माहौल को बिगाड़ने की कोशिश फिर से की जा रही है। आज सुबह यूनिवर्सिटी के गेट पर भगवा जेएनयू के पोस्टर, बैनर और झंडे लगे हुए मिले।
जेएनयू की नई वीसी शांतिश्री धुलीपुड़ी पंडित ने कहा है कि कई लोग उनके इस पद पर चयन के बाद नाखुश हैं क्योंकि वह पहली महिला वीसी हैं। उन्होंने ट्विटर अकाउंट होने की बात से साफ इनकार किया है।
Satya Hindi news Bulletin सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन । JNU की नई VC का नोट निरक्षरता की प्रदर्शनी: वरुण गांधी । यूपी के युवकों ने बीजेपी का घोषणापत्र किया खारिज, कहा - जुमलापत्र है
जेएनयू के पूर्व वीसी जगदीश कुमार की तरह ही नयी वीसी शांतिश्री धूलिपुड़ी पंडित भी विवादों में फँस गई हैं। जानिए क्यों उनके एक नोट को निरक्षरता की प्रदर्शनी कहा जा रहा है।
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार कांग्रेस में शामिल तो हो गए, पर वे क्या जेएनयू के सवालों को वहां उठाते रहेंगे या वे सवाल अब हाशिए पर चले जाएंगे?
एक साल में भी नहीं मिल पाया टुकड़े टुकड़े गैंग? तमाम तस्वीरों और गवाहों के बावजूद मामला ठंडे बस्ते में क्यों? न कोई चार्जशीट, न गिरफ़्तारी? गृहमंत्री अमित शाह की दिल्ली पुलिस आख़िर कर क्या रही है?
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा का अनावरण करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बड़ा बुनियादी सवाल खड़ा कर दिया।
जिन शिक्षण संस्थानों पर मीडिया और सरकार द्वारा देशद्रोह की गतिविधियों का अड्डा होने के आरोप लगाए जाते हैं उनका शिक्षा के लिए नंबर वन आना क्या संकेत देता है?