टीएमसी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पवन वर्मा ने शुक्रवार को पार्टी छोड़ दी। टीएमसी को एक के बाद एक आघात लग रहे हैं। पवन जेडीयू से आए थे। धर्मनिरपेक्ष मूल्यों के लिए प्रतिबद्ध पवन वर्मा जेडीयू से टीएमसी में थे। उन्होंने जेडीयू क्यों छोड़ी और अब टीएमसी को भी क्यों अलविदा कहा, इन सवालों को खोजती यह रिपोर्ट।
बिहार में बीजेपी और जेडीयू की खटास बढ़ती जा रही है। हद तो यह है कि गठबंधन के दोनों दल अब अपनी-अपनी सीटों पर तैयारी के दावे तक करने लगे हैं। अभी गृह मंत्री अमित शाह पटना आए तो उनसे जेडीयू के किसी महत्वपूर्ण नेता ने मुलाकात तक नहीं की, जबकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कोरोना की वजह से किसी से नहीं मिल रहे हैं।
क्या नीतीश कुमार के दुलारे रहे आरसीपी सिंह के साथ सियासी खेला हो गया? आख़िर उन्हें अब राज्यसभा क्यों नहीं भेजा जा रहा है? क्या बीजेपी से उनकी क़रीबी है वजह?
आरसीपी सिंह ने भी पार्टी नेताओं के बीच किसी तरह का मतभेद होने की ख़बरों को खारिज कर दिया और कहा कि पार्टी में सिर्फ़ एक ही नेता हैं, उनका नाम नीतीश कुमार है।
नीतीश कुमार ने ललन सिंह को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने का मन पहले ही बना लिया था। ललन सिंह के नाम का औपचारिक एलान भले 31 जुलाई को हुआ हो, लेकिन इसकी पटकथा तो सात जुलाई को ही लिखी गई।
उचित प्रतिनिधित्व नहीं मिलने पर 2019 के आम चुनाव के बाद केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने से इनकार करने वाली जदयू अब उसी सरकार में अपने लोगों को मंत्री बनवाना चाहती है।
जनता दल यूनाइटेड के अध्यक्ष व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नज़दीकी के नेता आर. सी. पी. सिंह ने मंत्रिमंडल में पार्टी के सही प्रतिनिधित्व नहीं होने पर असंतोष सार्वजनिक रूप से जताया है।
उपेंद्र कुशवाहा की अगुआई वाली राष्ट्रीय लोक समता पार्टी का जनता दल यूनाइटेड में रविवार को विलय हो गया। जनता दल यूनाइटे़ड के नेता और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कुशवाहा को तत्काल जनता दल राष्ट्रीय संसदीय बोर्ड का अध्यक्ष घोषित कर दिया।
Satya Hindi news Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन।नीतीश के विधायक बोले - रिवॉल्वर रखता हूँ, ज़रूरत पड़ी तो ठोंक दूँगा।जेजेपी विधायक ने कहा - हमारा सामाजिक बहिष्कार हो रहा
बिहार की राजनीति में 2021 नई चुनौतियाँ लेकर आया है। राज्य में 2020 के विधानसभा चुनाव में जदयू का शर्मनाक प्रदर्शन रहा। अब आरसीपी सिंह को पार्टी का अध्यक्ष बनाया गया है।