बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी पार्टी जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे ललन सिंह को उनके पद से हटा दिया है। नीतीश अब खुद जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष बन गए हैं।
जेडीयू राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में भाग लेने के लिए नीतीश दिल्ली पहुंच चुके हैं। दिल्ली रवाना होने से पहले उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में ललन सिंह के इस्तीफे की खबर को खारिज कर दिया है ।
बिहार की राजनीति में इन दिनों सीएम नीतीश कुमार को लेकर अटकलबाजियों का दौर जारी है। चर्चा इस बात को लेकर है कि नीतीश कुमार इंडिया गठबंधन से नाराज चल रहे हैं। उनका अगला राजनैतिक कदम क्या होगा इसको लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को एक बार फिर से पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई से अपने लगाव का इजहार किया है। उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि दी है।
क्या नीतीश कुमार 29 दिसंबर को पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के दौरान ललन सिंह को जेडीयू प्रमुख के पद से हटाने पर विचार कर रहे हैं। बिहार में यह चर्चा गरम है। बिहार की राजनीति में आने वाले दिनों में काफी बदलाव देखने को मिल सकते हैं। लेकिन ललन सिंह को हटाने का फैसला नीतीश क्यों कर सकते हैं, वो जानना दिलचस्प है।
जातीय गणना, आरक्षण का दायरा बढ़ाना आदि कदमों से बिहार में नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव ने जो राजनैतिक चाल चली है उससे भाजपा को आगामी लोकसभा चुनाव में बड़ा नुकसान हो सकता है।
यूपी के तमाम कुर्मी नेता नतीश कुमार को यूपी के फूलपुर से चुनाव लड़ाने को बेचैन हैं। इस मुहिम को यूपी की जेडीयू का समर्थन हासिल है। हाल ही में पार्टी ने इस सिलसिले में बैठक भी की थी। जेडीयू की यूपी यूनिट ने नीतीश कुमार से फूलपुर से चुनाव लड़ने का अनुरोध किया है।
राजद के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने महिला आरक्षण विधेयक पर बहस के दौरान संसद में ओमप्रकाश वाल्मिकी की लिखी कविता “ठाकुर का कुआं” पढ़ी थी। इससे बिहार के कई राजूपत नेता नाराज हो गए हैं।
मीडिया से बात करते हुए गुरुवार को तेजप्रताप यादव ने कहा कि भाजपा आरएसएस की उपज है। तेजप्रताप ने आरएसएस को महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे से भी जोड़ा है। उन्होंने भाजपा को हत्यारों की पार्टी बताया है।