पिछले कुछ दिनों से कर्नाटक में जेडीएस और बीजेपी के बीच गठबंधन होने की आ रही ख़बरों को अब जेडीएस प्रमुख ने सीधे-सीधे खारिज कर दिया है। तो क्या यह बीजेपी के लिए झटका है?
बीजेपी और जनता दल एस फिर साथ आ सकते हैं? आंध्र में बीजेपी चंद्रबाबू नायडू के संपर्क में है। महाराष्ट्र में शिंदे की शिवसेना बीजेपी के साथ चुनाव लड़ेगी। आखिर क्या है जो बीजेपी को फिक्र में डाल रहा है? कहीं 2024 का गणित कमजोर तो नहीं पड़ रहा?
कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजों का विश्लेषण अब आंकड़ों के जरिए किया जा रहा है। डेटा को तरह-तरह की व्याख्या के जरिए पेश किया जा रहा है। पत्रकार प्रेम कुमार और सत्य देव चौधरी बता रहे हैं कि कर्नाटक में हारे हुए उम्मीदवारों को जीते हुए प्रत्याशियों के मुकाबले ज्यादा वोट मिले हैं, लेकिन इसकी चर्चा नहीं हो रही है। वो क्या कहना चाहते हैं, जानिएः
कर्नाटक में त्रिशंकु विधानसभा का सपना देखने वाले आज उदास होंगे। उन्होंने जेडीएस और कुमारस्वामी को किंगमेकर बना दिया था, जो रुझानों के मुताबिक अपने पिछले प्रदर्शन के स्तर को भी नहीं छू पाई है। कर्नाटक के पत्रकार इस समय किंगमेकर साहब को तलाश रहे हैं।
कर्नाटक में कई एग्ज़िट पोल में भले ही कांग्रेस को पूर्ण बहुमत मिलते दिखाया गया है, लेकिन अधिकतर में त्रिशंकु विधानसभा के आसार बताए गए हैं। ऐसी स्थिति में जेडीएस किसके साथ जाएगा?
कर्नाटक में मई तक विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया पूरी होना है। हालात का जायजा लेने केंद्रीय चुनाव आयोग की टीम आज गुरुवार को बेंगलुरु पहुंची। उसने राज्य के निर्वाचन अधिकारी के साथ बैठक की। तारीखों की घोषणा इसी महीने होने की उम्मीद है।
कर्नाटक में 2019 के लोकसभा चुनाव दो विचारधाराओं के बीच होगा। एक तरफ़ बीजेपी राष्ट्रवाद के नाम पर धार्मिक ध्रुवीकरण के आधार पर वोट की राजनीति करेगी तो दूसरी तरफ़ विपक्ष संघीय व्यवस्था की राजनीति करेगा।