राज्यसभा में सोमवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कश्मीर और धारा 370 के मुद्दें पर पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरु पर जोरदार हमला किया। उन्होंने कश्मीर समस्या के लिए नेहरु को जिम्मेदार ठहराया है।
दिल्ली में राष्ट्रीय धरोहर नेहरू मेमोरियल का नाम बुधवार 16 अगस्त से मोदी सरकार ने बदल दिया। देश में इसकी तीखी आलोचना हो रही है। कांग्रेस समेत तमाम विरोधी दलों और आम लोगों ने केंद्र की मोदी सरकार की इसके लिए आलोचना की है। वैसे भाजपा शासित राज्यों में नाम बदलने की परंपरा जारी है। जिस भी स्मारक या जगह का नाम कांग्रेस या ऐतिहासिक विरासत से जुड़ा है, उसको भाजपा सरकारों ने बदल दिया है। लेकिन पुराने नाम लोगों की जुबान पर आज भी हैं।
भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की 27 मई को 57वीं पुण्यतिथि के अवसर पर संध्या वत्स नेहरू द्वारा ही लिखित लेख ‘इस मशाल को कौन थामेगा’ के कुछ अंश पर टिप्पणी करती हैं।
देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की आज पुण्यतिति है। आज ही के दिन यानी 27 मई को 1964 में उनका निधन हो गया था। पढ़िए, नेहरू ने इंदिरा को शांतिनिकेतन में क्यों पढ़वाया।
जवाहरलाल नेहरू और सरदार वल्लभभाई पटेल के बीच वैचारिक टकराव की तरह-तरह की चर्चाएँ होती हैं, नीतियों को लेकर दोनों में मतभेद भी थे। तो सवाल है कि दोनों के बीच संबंध कैसे थे? जानिए, उनके बीच कैसे संबंध बने रहे। चार साल पहले प्रीति सिंह ने यह टिप्पणी लिखी थी।
सरदार वल्लभभाई पटेल की आज पुण्यतिथि है। प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी ने 'किसान नेता' सरदार पटेल की दुनिया की सबसे बड़ी मूर्ति नर्मदा के तट पर स्थापित कराई। लेकिन वह आज किसानों की बात क्यों नहीं सुनते?
जब राजनीति में जम कर धर्म का घोल मिलाया जा रहा हो, जब धर्म के नाम पर हक़ जायज़ और नाजायज़ बातों को सही ठहराया जा रहा हो, तब जवाहर लाल नेहरू की याद आना स्वाभाविक है।
भारत एक बार फिर चीन के विस्तारवादी इरादों का सामना कर रहा है। दोनों देशों के बीच सीमा पर ज़बर्दस्त तनाव के हालात बने हुए हैं। 1962 के लिये नेहरू ज़िम्मेदार तो 20 सैनिकों की मौत की ज़िम्मेदारी क्या नरेंद्र मोदी की नहीं है?
इसमें कोई दो राय नहीं कि नेहरू को अपने जीवनकाल में तो जनता से बेशुमार प्यार और सम्मान मिला लेकिन उनकी मृत्यु के बाद उनकी लगातार अनदेखी होती गई और उनकी प्रतिष्ठा में कमी आई।
प्रधानमंत्री मोदी ने किस आधार पर कहा कि भारत के बँटवारे के लिए नेहरू ज़िम्मेदार थे? क्या यह नेहरू के क़द को कम करने का बीजेपी का लगातार प्रयास का नतीजा नहीं है? क्या यह उसका नतीजा नहीं है जिसमें पटेल के क़द को बड़ा किया जाए? बँटवारे से सहमत होने की शुरुआत किसने की और इस मामले में नेहरू और पटेल की क्या स्थिति थी? देखिए आशुतोष की बात वरिष्ठ पत्रकार अमिताभ के साथ चर्चा।
पंडित जवाहरलाल नेहरू इस समय बहस के केंद्र में हैं। कुछ लोग उन्हें खलनायक साबित करने पर आमादा हैं तो कुछ उनका महिमा गान गा रहे हैं। इसे समझना है तो पाक लेखक सआदत हसन मंटो के लिखे उस ख़त को पढ़िये कि उन्होंने क्या कहा था?