जम्मू-कश्मीर में फ़िलहाल स्थिति कुछ ठीक नहीं है। लेकिन क्या इसकी स्थिति पहले भी ऐसी रही है? कनिष्क से लेकर जहाँगीर, अंग्रेज़ शासन के आने तक कैसा था जम्मू-कश्मीर? इस सीरीज़ में वरिष्ठ पत्रकार राजेंद्र तिवारी से सुनिए कश्मीर की अनसुनी कहानियाँ। 'सत्य हिंदी' पर पेश है इसकी तीसरी कड़ी।
जम्मू-कश्मीर में पिछले आठ दिन से कर्फ़्यू है। आज ईद के दिन उम्मीद थी कि इसमें कुछ ढील मिलेगी, लेकिन घाटीम में कुछ ही घंटों में लोगों को वापस घरों में बंद हो जाने के लिए कह दिया गया। 'सत्य हिंदी' के लिए देखिए 'शीतल के सवाल' में आशुतोष के साथ चर्चा।
बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार ने एक तो अनुच्छेद 370 को ख़त्म करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। और दूसरे, जम्मू-कश्मीर को दो भागों में बाँट दिया है। यह ऐतिहासिक फ़ैसला है या ऐतिहासिक भूल? देखिए सत्य हिंदी के लिए आशुतोष की बात में क्या होगा असर।
केंद्र की एनडीए सरकार ने संविधान के अनुच्छेद 370 को निर्वीर्य यानी शक्तिहीन करने की तैयारी कर ली है और गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में आज तत्संबंधी प्रस्ताव पेश किया।
जम्मू-कश्मीर में अमरनाथ यात्रा बीच में ही रोक दी गई है। बड़ी संख्या जवानों को तैनात किया गया है। इतनी हलचल क्यों है? कहीं प्रधानमंत्री के लाल चौक पर झंडा फहराने का कार्यक्रम तो नहीं है? सत्य हिंदी में देखिए 'शीतल के सवाल'।
अनुच्छेद 370, 35ए हटाने की बात करने वाले क्या जानते हैं कि जम्मू-कश्मीर क्या है? जम्मू-कश्मीर की आत्मा क्या है? इसका इतिहास क्या है? हम इस पर पूरी एक सीरीज़ शुरू कर रहे हैं। वरिष्ठ पत्रकार राजेंद्र तिवारी से जानिए कश्मीर को। पेश है इसकी पहली कड़ी।
जम्मू-कश्मीर में एकाएक 10 हज़ार जवान तैनात क्यों किए गए? जम्मू-कश्मीर के नेताओं की प्रतिक्रियाओं से लग रहा है कि केन्द्र सरकार संविधान के अनुच्छेद 370 व अनुच्छेद 35ए को हटाने की तैयारी कर रही है? इसका क्या होगा असर?
अनुच्छेद 35 'ए' व 370 का मामला कोर्ट में है। जम्मू-कश्मीर में एकाएक 10 हज़ार जवान तैनात किए गए। क्या केन्द्र सरकार संविधान के अनुच्छेद 35 'ए' को हटाने की तैयारी कर रही है?
जम्मू कश्मीर पर सरकार की नीति बदल रही है क्या? क्या मोदी सरकार ‘देशद्रोही’ हुर्रियत कॉन्फ़्रेंस के नेताओं से बात करेगी? क्या सरकार ने हुर्रियत के नेताओं को देशद्रोही मानना बंद कर दिया या वह उन्हें देशभक्त मानने लगी है?
जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने का कहना है कि हुर्रियत के नेता अब कश्मीर के मसले को बातचीत से हल करना चाहते हैं। तो क्या यह शांति की पहल के संकेत हैं?
धारा 370 और धारा 35-ए को ख़त्म करने की बात अपने चुनाव घोषणापत्र में करके बीजेपी ने बहस को तीखा कर दिया है। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा है कि इससे राज्य आज़ाद हो जाएगा।