भारत के अंतरिक्ष विज्ञान को गुरुवार 17 अगस्त को उस समय बड़ी सफलता मिली जब मुख्य यान से लैंडर विक्रम सफलतापूर्वक अलग हो गया। उम्मीद है कि 23 अगस्त को चंद्रयान 3 चंद्रमा पर उतरेगा।
इसरो की वजह से भारत अपने अंतरिक्ष मिशन में लगातार नई सफलताएं छू रहा है। इसरो ने अब 36 कमर्शल सैटेलाइट्स एकसाथ लॉन्च कर ग्लोबल मार्केट में अपनी जगह पक्की कर ली है। यह महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
चाँद की सतह पर चंद्रयान-2 मिशन के विक्रम लैंडर की जगह का पता भले ही चल गया हो लेकिन इसरो के वैज्ञानिकों का मानना है कि जैसे-जैसे संपर्क स्थापित होने में देरी हो रही है, वैसे-वैसे इसकी संभावना कम होती जा रही है।
चंद्रयान-2 मिशन के जिस विक्रम लैंडर से संपर्क टूट गया था उसकी जगह का पता चल गया है। इसरो ने कहा कि थर्मल इमेज से लैंडर की जानकारी तो मिली है, लेकिन संपर्क स्थापित नहीं हो सका है।
चाँद पर उतरने से पहले भले ही चंद्रयान-2 मिशन से संपर्क टूट गया है, लेकिन यह बहुत बड़ी सफलता है। जहाँ अमेरिका ने बहुत बड़ा क़दम’ बताया वहीं नासा ने इसरो को प्रेरक बताया।