कोरोना, आर्थिक बर्बादी और चीन जैसे बडे मुद्दों को छोड़ सुशांत सिंह की मीडिया कवरेज क्या ग़ैर-ज़िम्मेदार पत्रकारिता है या फिर वो राक्षस बन गया है! सारे मूल्यों, मानदंडों और मर्यादाओं को ताक पर इकतरफ़ा रिपोर्टिंग क्यों हो रही है ? और क्या इस राक्षस को रोकने में सेल्फ़ रेगुलेशन पूरी तरह नाकाम है ? इन्हीं सवालों पर सत्य हिंदी वेबिनार - हिस्सा ले रहे हैं पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एस वाई कुरेशी, एडिटर्स गिल्ड आफ इंडिया के महासचिव ए के भट्टाचार्य और न्यूज़ लांड्री की कार्यकारी संपादक मनीषा पांडे।