क्या भारतीय जनता पार्टी ने जानबूझ कर देश की आर्थिक स्थिति की ग़लत तसवीर पेश की? क्या उसने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के पुराने आँकड़ों को मौजूदा आर्थिक स्थिति कह कर पेश किया है?
पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह ने मौजूदा आर्थिक संकट से उबरने के लिए तीन उपाय सुझाए हैं। उनका मानना है कि आर्थिक संकट को और गहराने से रोकने और अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए सरकार को ये उपाय तुरन्त करने चाहिए।
लॉकडाउन, प्रवासी मज़दूरों का अपने गृह राज्यों के लिए पलायन और बड़े पैमाने पर लोगों की नौकरी जाने के बीच अर्थव्यवस्था के बहुत ही धीमी गति से ही सही, पर पटरी पर लौटने के संकेत मिल रहे हैं।
भारतीय रिज़र्व बैंक के पूर्व गर्वनर रघुराम राजन का मानना है कि देश आर्थिक महाविनाश की कगार पर खड़ा है और अर्थव्यवस्था को सुधारना अकेले प्रधानमंत्री कार्यालय के बूते की बात नहीं है।