आर्थिक उदारीकरण की 30वीं सालगिरह पर पूर्व वित्त व प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह ने कहा है कि आगे का रास्ता और मुश्किल भरा है तथा देश को अपनी प्राथमिकताएँ फिर से तय करनी होंगी
Satya Hindi news Bulletin सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन।सिंह: आगे की राह और कठिन, प्राथमिकता तय करने की ज़रूरत । सुब्रमण्यन स्वामी ने 5 ट्रिलियन इकॉनमी के लक्ष्य को बताया असंभव।
पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह ने कहा है कि आर्थिक सुधार की उपलब्धियों पर खुश होने के बजाय हमे अपने अंदर झाँकना चाहिए और प्राथमिकता तय करनी चाहिए।
महँगाई के नए आँकड़े आ गए हैं। जून महीने में महँगाई बढ़ने की दर यानी मुद्रास्फीति की दर में मामूली गिरावट दर्ज हुई है। मई में यह दर 6.3% थी, जबकि जून में घटकर 6.26% हो गई है।
कोरोना से बुरी तरह मार खाई हुई अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कुल मिलाकर 6,28,993 करोड़ रुपए का नया पैकेज लाने का एलान किया है।
स्विटज़रलैंड की संस्था यूबीएस सिक्योरिटीज इंडिया ने अनुमान लगाया है कि चालू वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही यानी अप्रैल-जून के दौरान भारत की आर्थिक विकास दर शून्य से 12 प्रतिशत नीचे चली जाएगी।
भारतीय अर्थव्यवस्था वित्तीय वर्ष 2020-2021 में शून्य से 7.3 प्रतिशत नीचे चली गई, यानी इसकी विकास दर -7.3 दर्ज की गई है। यह पिछले 40 साल की न्यूनतम आर्थिक विकास दर है।
2014 के मुक़ाबले 2021 में आज भारत कहाँ खड़ा है, आम भारतीय किस स्थिति में हैं? मोदी सरकार के 7 साल के शासनकाल में जहाँ जीडीपी की विकास दर घटती चली गयी, वहीं देशवासियों पर कर्ज बढ़ता चला गया।
ऐसे समय जब भारतीय अर्थव्यवस्था अभी भी पटरी पर नहीं लौटी है, खाने-पीने और घरेलू इस्तेमाल की दूसरी चीजों की कीमतें तेज़ी से बढ़ी हैं। सब्जियाँ, किराना की चीजें महंगी हुई हैं और परिवहन खर्च बढ़ा है।
आए दिन अख़बारों में खबर छपती है, जीएसटी वसूली बढ़ी। सरकारी विज्ञप्ति के आधार पर गैर बिज़नेस अख़बारों में भी यह ख़बर पहले पन्ने पर छप जाती है। आज 'द हिन्दू' जैसे अखबार में शीर्षक है, 'जीएसटी वसूली रिकार्ड ऊँचाई पर'।
क्या भारत में पेट्रोल-डीज़ल की कीमतें जल्द ही 100 रुपए प्रति लीटर के पार चली जाएगी? क्या इससे पूरी अर्थव्यवस्था प्रभावित होगी और महंगाई की दर एक बार फिर बढ़ने लगेगी?
इनकम टैक्स और प्रत्यक्ष कर की वसूली सरकार की उम्मीद से बेहतर हो गई है। फरवरी में लगातार तीसरे महीने जीएसटी की वसूली भी एक लाख दस हज़ार करोड़ रुपए से ऊपर रही। डीज़ल की बिक्री कोरोना काल से पहले के स्तर पर पहुँच चुकी है।