वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नेशनल मॉनीटाइजेशन पाइपलाइन का एलान किया है, जिससे छह लाख करोड़ रुपए का इंतजाम किया जा सकता है। पर विपक्ष ने इसका जोरदार विरोध किया है। क्या है मामला?
स्वतंत्रता दिवस पर भाषण करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'सबका विकास, सबका प्रयास' का नारा उछाल कर एक नई बहस की शुरुआत कर दी है। क्या यह महज नारा साबित होगा या वाकई कुछ होगा।
डॉ. मनमोहन सिंह जब आर्थिक विषयों पर बोलते हैं तो लोग उन्हें कांग्रेस नेता मानकर नहीं सुनते बल्कि एक मंझे हुए अर्थशास्त्री मानकर सुनते हैं। यह तो डॉ. सिंह ही बता सकते हैं कि वे खुद को कांग्रेस नेता मानकर बयान देते हैं अथवा अर्थशास्त्री के नाते बोलते हैं।
आर्थिक उदारीकरण की 30 वी वर्षगाठ । देश की अर्थव्यवस्था चौपट । अर्थव्यवस्था को बेहतर क्यों नहीं कर पाये मोदी ? कहाँ चूक गये ? आशुतोष और आलोक जोशी के साथ चर्चा में ए के भट्टाचार्य और संजय पुगलिया ।
आर्थिक उदारीकरण की 30वीं सालगिरह पर पूर्व वित्त व प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह ने कहा है कि आगे का रास्ता और मुश्किल भरा है तथा देश को अपनी प्राथमिकताएँ फिर से तय करनी होंगी
Satya Hindi news Bulletin सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन।सिंह: आगे की राह और कठिन, प्राथमिकता तय करने की ज़रूरत । सुब्रमण्यन स्वामी ने 5 ट्रिलियन इकॉनमी के लक्ष्य को बताया असंभव।
पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह ने कहा है कि आर्थिक सुधार की उपलब्धियों पर खुश होने के बजाय हमे अपने अंदर झाँकना चाहिए और प्राथमिकता तय करनी चाहिए।
महँगाई के नए आँकड़े आ गए हैं। जून महीने में महँगाई बढ़ने की दर यानी मुद्रास्फीति की दर में मामूली गिरावट दर्ज हुई है। मई में यह दर 6.3% थी, जबकि जून में घटकर 6.26% हो गई है।
कोरोना से बुरी तरह मार खाई हुई अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कुल मिलाकर 6,28,993 करोड़ रुपए का नया पैकेज लाने का एलान किया है।
स्विटज़रलैंड की संस्था यूबीएस सिक्योरिटीज इंडिया ने अनुमान लगाया है कि चालू वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही यानी अप्रैल-जून के दौरान भारत की आर्थिक विकास दर शून्य से 12 प्रतिशत नीचे चली जाएगी।