दुनिया भर के विशेषज्ञ भारत में आर्थिक विकास दर के बढ़ने के संकेत दे रहे हैं। जानिए, आर्थिक विशेषज्ञों को धनतेरस और दिवाली से क्यों है तरक्की की उम्मीद।
दाम बढ़ने की वजह यही है कि कंपनियों का ख़र्च बढ़ गया है। और वो भी तब जबकि वो किफायत के सारे रास्ते आजमा चुकी हैं। ऐसे में दाम काबू करने का दबाव शायद बहुत से क़ारोबारों के लिए ख़तरनाक भी साबित हो सकता है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जीएसटी परिषद की बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें कुछ बेहद अहम फ़ैसले किए गए। वे कौन फ़ैसले हैं और उनका आपसे क्या सीधा संबंध है, पढ़ें।
केंद्र सरकार ने दूरसंचार यानी टेलीकॉम सेक्टर में ऑटोमेटिक रूट से सौ प्रतिशत विदेशी निवेश की अनुमति दे दी है। इसके साथ ही स्पेक्ट्रम फ़ीस चुकाने के लिए चार साल की समय सीमा दी गई है।
नेशनल सैंपल सर्वे के एक अध्ययन में पाया गया है कि भारत में सबसे संपन्न दस प्रतिशत लोगों के पास कुल जायदाद का 50 प्रतिशत है। यह बढ़ती अमीर-ग़रीब की खाई को दर्शाता है।
जीडीपी में 20 प्रतिशत की वृद्धि पर बहुत खुश होने की ज़रूरत नहीं है क्योंकि भारतीय अर्थव्यवस्था का बुरा समय अभी भी ख़त्म नहीं हुआ है और यह मंदी से बाहर नहीं निकला है।
जीडीपी के नये आंकडे आ गये हैं । उम्मीद की नयी किरण ? या फिर आँकड़ों की बाज़ीगरी ? अर्थव्यवस्था पटरी पर लौटी ? बेरोज़गारी दूर, मंहगाई कम ? आशुतोष के साथ चर्चा में ए के भट्टाचार्य, प्रो अरुण कुमार और आलोक जोशी ।
नेशनल मॉनीटाईजेशन पाइपलाइन से सबसे ज़्यादा पैसा भारतीय रेल से ही मिलेगा, लेकिन यह उसका चरित्र भी बदल देगा। क्या होगा भारतीय रेल का और क्या होगा इसकी रियायतों का, पढ़ें हरजिंदर को।