ऐसे में जब 2023 में वैश्विक मंदी की आशंका जताई जा रही है, क्या भारत की अर्थव्यवस्था में कुछ उम्मीद बाक़ी है? विश्व बैंक किस आधार पर कह रहा है कि भारत की जीडीपी वृद्धि दर साढ़े छह फीसदी से ज़्यादा रहेगी?
औद्योगिक उत्पादन में चार परसेंट की गिरावट। कैसे गड्ढे में पहुंच गई बाज़ार में मांग? क्या है इस हाल के लिए जिम्मेदार? गांवों से लेकर विदेशी बाज़ारों तक बिखरे हैं इस परेशानी के कारण। अर्थशास्त्री प्रो संतोष मेहरोत्रा से आलोक जोशी की बातचीत।
सुप्रसिद्ध इकोनॉमिस्ट पत्रिका ने अपने ताजा अंक में भारत का आर्थिक भूगोल पेश किया है। जिसमें उत्तर और दक्षिण भारत की तुलना की गई है। लेखक और चिन्तक अरुण माहेश्वरी का कहना पत्रिका का आकलन आंख खोलने वाला है, क्योंकि जिस तरह केंद्र सरकार एक भाषा, एक दल, एक राष्ट्र जैसे विचार को बढ़ा रही है, वो खतरनाक है। पढ़िए उनकी पूरी बात।
दुनिया एक भयानक आर्थिक मंदी के दौर में जा रहा है । अमेरिका, चीन और यूरोप सबकी अर्थव्यवस्था संकट में । बेरोज़गारी और महंगाई कई देशों को दिवालिया कर सकती है । सरकारें गिर सकती है ? क्या होगा भारत का ? कैसे निपटेगी की मोदी सरकार ? आशुतोष के साथ चर्चा में प्रो संतोष मेहरोत्रा, सौरभ झा और नरेंद्र तनेजा ।
क्या अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आर्थिक हालात के ख़राब होने का असर भारत की विकास दर पर काफ़ी ज़्यादा पड़ेगा? जानिए, विश्व बैंक ने क्यों विकास दर अनुमान को क्यों घटाया।
अमेरिका, ब्रिटेन, चीन सहित दुनिया भर में आर्थिक हालात बेहद ख़राब होने के संकेत मिल रहे हैं तो क्या भारत इससे बच बाएगा? यदि भारत को इससे मुकाबला करना है तो इसे क्या करने की ज़रूरत है?
दुनिया भर के देशों के सामने आ रहे आर्थिक संकट के बीच अब भारत की आर्थिक स्थिति को लेकर आख़िर चिंताएँ क्यों उठने लगी हैं? क्या विदेशी मुद्रा भंडार पर असर पड़ रहा है इसलिए?
भारत का दुनिया की पाँचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था कितनी बड़ी उपलब्धि है? भारत ब्रिटेन से आगे कैसे निकला? क्या ये मोदी की आर्थिक नीतियों की वज़ह से हुआ? इस घटना से क्या साबित होता है? क्या भारत पहले के मुक़ाबले ज़्यादा खुशहाल, समृद्ध हो गया है? क्या भारत की जीडीपी और प्रति व्यक्ति आय में बढ़ोतरी हो गई है?
भारत दुनिया की पाँचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। कुछ महीने पहले तो यह छठे पायदान पर था, लेकिन क्या आपको पता है कि आज़ादी के तुरंत बाद यानी 1950 में भी भारत की अर्थव्यवस्था छठे पायदान पर ही थी? तो इन दशकों में क्या बदला?
जीडीपी में साढ़े तेरह परसेंट की बढ़त क्यों काफी नहीं है? तीन साल में सिर्फ तीन परसेंट बढ़ी है इकोनॉमी? आर्थिक परेशानियों का ठीकरा कोरोना पर क्यों नहीं फोड़ा जा सकता? क्या मोदी सरकार ने लॉकडाउन लगाकर गलती की? पूर्व वित्त सचिव और आर्थिक रणनीति के विशेषज्ञ डॉ सुभाष चंद्र गर्ग से आलोक जोशी की एक्सक्लूसिव बातचीत।
क्या भारत की अर्थव्यवस्था पटरी पर लौट रही है? आख़िर इस वित्त वर्ष में जीडीपी के तेज़ गति से बढ़ने के मायने क्या हैं? जितनी उम्मीद थी उतनी तेज़ गति से जीडीपी क्यों नहीं बढ़ा?
भारतीय अर्थव्यवस्था 75 साल में कहाँ पहुँची? `किसी भी कीमत पर विकास’ की रणनीति ने देश का क्या हाल किया है? विमुद्रीकरण, त्रुटिपूर्ण जीएसटी और अचानक तालाबंदी से कैसा असर हुआ?
रूस-यूक्रेन युद्ध, कोरोना की मार का असर कई देशों की अर्थव्यवस्था पर हुआ है। भारत में भी महंगाई बढ़ रही है और मंदी की आहट सुनाई दे रही है। क्या सरकार हालात को संभाल पाएगी?