बीजेपी सांसद सुब्रमणियन स्वामी ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अर्थव्यवस्था की कोई समझ नहीं है और वित्त मंत्री के बारे में तो कुछ न कहा जाए तो ही अच्छा है।
केंद्र सरकार की एजेंसी सेंट्रल स्टैटिस्टिक्स ऑफ़िस ने कहा है कि जीडीपी वृद्धि दर इस साल 5 प्रतिशत रहेगी, यानी सरकार मान रही है कि अर्थव्यवस्था ठीक नहीं है।
ईरानी कमान्डर कासिम सुलेमानी की अमेरिकी ड्रोन हमले में मौत से पहले से बदहाल भारतीय अर्थव्यवस्था पर एक और चोट पड़ेगी, यह तय है। यह संकट बजट के ठीक पहले आ रहा है।
ऐसे समय जब सरकार बार-बार कह रही है कि अर्थव्यवस्था में कुछ भी गड़बड़ नही है, खाद्य वस्तुओं की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि हुई है। इससे जुड़ा थोक मूल्य सूचकांक नवंबर में 11.1 प्रतिशत बढ़ गया। यह पिछले 71 महीने के उच्चतम स्तर पर है।
पहले प्याज और अब दूध की कीमतें बढ़ने से सवाल उठता है कि क्या उपभोक्ता खाद्य वस्तुओं की कीमतें बढ़ रही हैं, जो बदतर आर्थिक स्थिति के लिए चिंता की बात है?
रिज़र्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने आर्थिक मंदी की बात करते हुए मोदी सरकार पर ज़ोरदार हमला किया और कहा कि इसके लिए ख़ुद मोदी और उनका कार्यालय ज़िम्मेदार है।
अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में मोदी सरकार को एक और झटका लगा है। भारतीय रिज़र्व बैंक ने चालू वित्तीय वर्ष के लिए अनुमानित सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी वृद्धि दर में एक बार फिर कटौती कर दी है। Satya hindi
सरकारी एजेन्सी सेंट्रल स्टैटिस्टिकल ऑफ़िस (सीएसओ) ने बीते दिनों इस साल की दूसरी छमाही के लिए जीडीपी वृद्धि दर 4.5 प्रतिशत कर दी थी। अब आरबीआई ने इसका अनुमान 5 प्रतिशत लगाया है।