पूरे देश को झकझोर देने वाली मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर संसद में चर्चा नहीं होने और इस पर प्रधानमंत्री मोदी का बयान नहीं आने के बाद विपक्ष ने अब उठाया यह कदम-
विपक्षी दलों का गठबंधन 'इंडिया' में प्रमुख नामों में से एक शरद पवार आख़िर उस कार्यक्रम में क्यों शामिल हो रहे हैं जिसमें पीएम मोदी को सम्मानित किया जाना है? जानिए, सहयोगी दलों ने क्या कहा।
मणिपुर में क़रीब तीन महीने से जारी हिंसा के बाद अब विपक्षी I.N.D.I.A. के सांसदों के दल के दौरे से क्या असर होगा? क्या ऐसा क़दम पहले उठाया जाता तो और बेहतर नहीं होता?
प्रधानमंत्री ने बुधवार को कहा है कि मैं देश को ये भी विश्वास दिलाता हूं कि हमारे तीसरे कार्यकाल में भारत टॉप 3 इकोनॉमी में पहुंच कर रहेगा और ये मोदी की गारंटी है।
विपक्ष के इंडिया नाम को भाजपा ने इतना मशहूर कर दिया है, इसकी कल्पना इंडिया नाम देने वाले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी नहीं की होगी। लेकिन पत्रकार राकेश अचल लिख रहे हैं - बिखरे विपक्ष की एकजुटता सत्तारूढ़ दल के लिए अचानक चुनौती में कैसे बदल गयी, ये समझ से बाहर है। पढ़िए उनके विचारः
क्या आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच लोकसभा चुनाव के लिए सीटों का बंटवारा इतना आसान काम होगा? जानिए, इसके लिए कांग्रेस के सामने कितनी बड़ी मुसीबत आ सकती है।
मणिपुर के मुद्दे पर विपक्ष यानी इंडिया के कुछ सांसद रातभर संसद के बाहर धरने पर बैठे रहे। उनकी मांग है कि पीएम मोदी सदन के अंदर मणिपुर पर आकर बयान दें। पीएम मोदी ने संसद के बाहर तो बयान दिया लेकिन पता नहीं क्यों वो संसद के अंदर बोलने से हिचक रहे हैं। सांसद आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह को सदन से निलंबित किए जाने का भी विरोध कर रहे हैं।
लोकसभा चुनाव के लिए विपक्षी दलों के इंडिया गठबंधन के बाद बीजेपी भी एनडीए के लिए 38 दलों को साथ जोड़ रही है। ऐसे गठबंधन के बाद भी जानिए कौन से 9 राज्य हैं जहाँ से जीत-हार तय होगी।
बिहार के मुख्यमंत्री और जेडीयू नेता नीतीश कुमार की नाराज़गी की ख़बर क्यों आ रही है? क्या उनकी किसी महत्वाकांक्षा को धक्का लगा है? जानिए, क्या है राजनीति।
क्या बेंगलुरु में हुई विपक्षी दलों की बैठक से नीतीश कुमार नाराज़ लौटे हैं? आख़िर किस आधार पर बीजेपी नेता यह दावा कर रहे हैं? जानिए, जेडीयू ने सफ़ाई में क्या कहा है।