भारत ने चीन को भी एक संदेश दिया है कि जिस तरह वह भारत की सम्प्रभुता का सम्मान नहीं करता है उसी तरह भारत भी चीन की प्रादेशिक एकता का सम्मान करने के लिये प्रतिबद्ध नहीं है।
भारत की विदेश नीति के सामने एक बड़ी दुविधा आ फँसी है। भारत शीघ्र ही विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ का अध्यक्ष बननेवाला है। यहाँ भारत के लिए सवाल यह है कि इस मुद्दे पर वह किसका समर्थन करे, चीन का या ताइवान का?