अगर मौजूदा कामकाजी आबादी का सही उपयोग न हुआ तो देश जनसांख्यिकीय लाभांश गँवा देगा। क्योंकि देश के शहरी इलाक़े और कई राज्य चीन की तरह ही बूढ़े होने की ओर बढ़ रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनसंख्या विस्फोट की बात कर देश की सबसे बड़ी दूरगामी समस्या पर अंगुली रख दी है। पर सवाल यह है कि क्या वे इसे रोकने के लिए कोई कदम उठाएँगे?