9 नवंबर को पाकिस्तान और भारत के बीच बना करतारपुर गलियारा भारत के सिख श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया। क्या यह दोनों देशों के लोगों के बीच उम्मीद की किरण लेकर आया है?
जम्मू-कश्मीर को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच शुरू हुई तनातनी का असर अब सार्क बैठक पर भी दिखा है। भारत और पाकिस्तान दोनों ने एक-दूसरे बयानों का बहिष्कार किया।
भारत-पाकिस्तान के बीच हालात ठीक नहीं हैं। सवाल यह उठता है कि यदि वाक़ई युद्ध छिड़ जाए तो इसका क्या हश्र होगा? क्या इसका नुक़सान दोनों देशों को नहीं होगा?
अकबरुद्दीन जब कश्मीर मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक के बाद मीडिया को संबोधित करने आए तब उन्होंने मीडिया से सवाल भी लिए। उन्होंने कहा कि वो मीडिया के पाँच सवालों के जवाब देंगे। और इस कड़ी में उन्होंने सबसे पहले तीन पाकिस्तानी पत्रकारों के सवालों का जवाब दिया।
भारत ने कश्मीर पर एक बड़ा फ़ैसला करने के बाद से पाकिस्तान द्वारा किए जाने वाले हंगामे और राजनयिक संबन्धों पर उठाए गए क़दमों की प्रतिक्रिया बहुत ही संयत ढंग से क्यों दी है?