वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आर्थिक मंदी की बात से इनकार तो किया ही है, उन्होंने कहा कबी मंदी हो ही नहीं सकती। पर ख़ुद सरकारी आँकड़े उनकी बात को झूठ साबित करते हैं।
अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेन्सी मूडीज़ इनवेस्टर सेवा ने शुक्रवार को भारत की रेटिंग में कटौती कर दी है। इसने भारत की रेटिंग को 'स्टेबल' से गिरा कर 'निगेटिव' कर दिया है।
संपत्ति के असमान वितरण का अनुमान इससे लगाया जा सकता है कि एशिया के 20 धनाढ्य परिवारों के पास जितने पैसे हैं, 20 देशों की जीडीपी उतनी है। इन 20 परिवारोें में भारत के मुकेश अंबानी सबसे ऊपर हैं।
जीडीपी यानी सकल घरेलू उत्पाद में वृद्धि की दर का गिरना जारी है और आज मिले आँकड़ों के मुताबिक यह 5 प्रतिशत पर पहुँच गया है। इसे रोकने के लिए क्या कर रही है मोदी सरकार? सत्य हिन्दी पर आशुतोष की बात कार्यक्र मे देखें पत्रकार आशुतोष का विश्लेषण।
भारत की जीडीपी यानी सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर जून में गिरकर पाँच फ़ीसदी पर पहुँच गई है। यह छह साल में सबसे निचला स्तर है। सरकार ने शुक्रवार को यह आँकड़ा जारी किया।
अब शोध में दावा किया गया है कि जीडीपी के आँकड़ों को बढ़ा-चढ़ा कर पेश किया गया। यह शोध किसी और ने नहीं, बल्कि पिछली नरेंद्र मोदी सरकार में मुख्य आर्थिक सलाहकार रहे अरविंद सुब्रमण्यन ने किया है।
भारत सबसे तेज़ गति से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था अब नहीं रही। चीन ने इसे पछाड़ दिया है। लंबे समय तक दुनिया की सबसे तेज़ गति से बढ़ने के बाद चीन की रफ़्तार कम हुई थी और वह भारत से पिछड़ गया था। पर भारतीय अर्थव्यवस्था सुस्त हो गई है।