लद्दाख की गलवान घाटी में तीन भारतीय जवानों के शहीद होने पर देश में तीखी प्रतिक्रिया हुई है। सोशल मीडिया पर नेताओं और लोगों ने शहीदों को नमन किया, लेकिन इसके साथ ही उन्होंने सरकार को सफ़ाई देने को कहा है।
केंद्र सरकार के अधीन NCRTC नामके निगम ने चीन की कंपनी शंघाई टनेल इंजीनियरिंग कारपोरेशन लिमिटेड को इसी बारह जून को 1126 करोड़ रुपये का सुरंग बनाने का ठेका दिया है ।जब सीमा पर इतना तनाव है तब मोदी सरकार के इस फ़ैसले से लोगों को चक्कर आ रहे हैं । आख़िर चीन पर भारत की नीति क्या है पूछ रहे हैं शीतल पी सिंह?
भारत और अमेरिका की बढ़ती दोस्ती से चीन तिलमिलाता दिखाई दे रहा है। जिन मुद्दों पर 1993 में सहमति बन गई थी उन मुद्दों को भी चीन ने दरकिनार कर दिया है। शैलेश से बातचीत में वरिष्ठ पत्रकार हरी कुमार बता रहे हैं चीन का असली इरादा
सरकार इन ख़बरों का खंडन नहीं कर रही है कि लद्दाख सीमा पर चीन ने भारत की साठ किलोमीटर ज़मीन पर कब्ज़ा कर लिया है। वह कोई कार्रवाई करती हुई भी नज़र नहीं आ रही है। उसके इस रवैये से ये भ्रांति टूट रही है कि वह देश की सुरक्षा करने के मामले में सक्षम है। वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार की रिपोर्ट-
तनाव सिर्फ़ लद्दाख में ही नहीं था, बल्कि चीन से लगती हुई सीमा के सभी तीनों सेक्टरों में इसका असर दिख रहा था। सभी तीनों सेक्टरों में भारत और चीन के सैनिकों में हलचल थी।