टीवी 18 के असम संस्करण की एकदम ताज़ा रिपोर्ट में एक बीजेपी सांसद के हवाले से दावा किया गया है कि चीनी सैनिक अरुणाचल के भारतीय इलाक़े में क़रीब बारह किलोमीटर अंदर तक घुस आए हैं । उन्होंने एक नया पुल भी बना लिया है और उनके संख्या बल के कारण हमारे सैनिक पीछे हट गए हैं ।सुनिये शीतल पी सिंह की रिपोर्ट
चीनी सैनिकों के साथ झड़प में 20 भारतीय सैनिक कैसे शहीद हो गए और वहाँ किस तरह का घटनाक्रम चला, इस पर आधिकारिक तौर पर कुछ भी नहीं कहा गया है। आख़िर वहाँ हुआ क्या था?
पूर्वी लद्दाख में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच झड़प क्यों हुई? 1967 में नाथू ला में हुई झड़पों के बाद पहली बार इतनी इतनी बड़ी तादाद में सैनिक मारे गए हैं।
भारत एक बार फिर चीन के विस्तारवादी इरादों का सामना कर रहा है। दोनों देशों के बीच सीमा पर ज़बर्दस्त तनाव के हालात बने हुए हैं। 1962 के लिये नेहरू ज़िम्मेदार तो 20 सैनिकों की मौत की ज़िम्मेदारी क्या नरेंद्र मोदी की नहीं है?
मध्य प्रदेश के फरहेदा गाँव का 21 साल का वीर सपूत गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हुई भारतीय सैनिकों की मुठभेड़ में शहीद हो गया। आठ महीने पहले इस जवान की शादी हुई थी।
चीन ने लद्दाख में गलवान घाटी पर अवैध क़ब्ज़ा कर लिया है और उसकी सेना ने भारतीय सेना के एक कर्नल और 20 जवानों को मार दिया है। क्या यह साम्राज्यवादी नीतियों के कारण नहीं है?
16 बिहार रेजिमेंट के कमांडिंग अफसर संतोष डेढ़ साल से लद्दाख में सेवारत थे। पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में सोमवार रात को चीनी और भारतीय सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प में भारतीय सेना के कुल 20 सैनिक शहीद हो गए।