9 दिसंबर को दोनों देशों के सैनिकों के बीच तवांग सेक्टर के यांगस्ते इलाके में झड़प हुई थी। इसमें दोनों देशों के जवान घायल हो गए थे। दोनों देशों की सेनाओं के द्वारा जारी संयुक्त बयान में कहा गया है कि दोनों पक्ष पूर्वी लद्दाख के पश्चिमी इलाके में सुरक्षा और स्थिरता बनाए रखने पर सहमत हुए हैं।
क्या तवांग झड़प के बाद चीन अपनी सेना को गोलबंद कर रहा था? आख़िर उसने सीमा के पास के अपने एयरबेसों पर बड़ी संख्या में ड्रोन और लड़ाकू विमान क्यों तैनात किए?
चीन के मुद्दे पर केंद्र सरकार संसद और संसद से बाहर आरोपों से घिरती जा रही है। कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने आज 19 दिसंबर को आरोप लगाया कि विदेश मंत्री एस. जयशंकर के बेटे जहां काम करते हैं उस संगठन ने चीन से फंड प्राप्त किया। उन्होंने विवेकानंद फाउंडेशन पर सवाल किए। पढ़िए पूरी रिपोर्टः
अरुणाचल प्रदेश के तवांग में चीनी सैनिकों के साथ झड़प के बाद क्या भारत ने सख्ती नहीं दिखाई? जानिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने क्या आरोप लगाए।
बीजेपी राहुल को काँग्रेस से निकालने की बात क्यों कर रही है? उसके प्रवक्ता ये क्यों कह रहे हैं कि राहुल ने सेना का अपमान किया है? क्या राहुल के बयान में ऐसा कुछ है या फिर चीन के नाम से ही मोदी सरकार बौखला जाती है? क्या चीन से निपटने में नाकामी को छिपाने के लिए वह ऐसा करती है? कभी नेहरू कभी 1962 का याद दिलाने लगती है?
लद्दाख में भारत और चीनी सैनिकों के बीच दो साल पहले गलवान संघर्ष के बाद जोर-शोर से चीनी सामानों के बहिष्कार नारा बुलंद किया जा रहा था। तो क्या चीन से आयात बंद हुआ? क्या चीन की अर्थव्यवस्था इससे तबाह हो गई?
तवांग की स्थिति को लेकर अरुणाचल प्रदेश से बीजेपी सांसद तापिर गाव ने 2019 में ही सरकार को चेतावनी दी थी। लेकिन उनकी चेतावनी को अनसुना किया गया। जानिए कि आखिर बीजेपी सांसद तापिर गाव ने चीन के बारे में उस समय और क्या क्या कहा थाः
Satya Hindi news Bulletin सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन । चीन पर सरकार ने चर्चा नहीं होने दी, सवालों के जवाब नहीं दिए। भारत और चीनी सैनिकों की झड़प पर संसद में बोले रक्षामंत्री
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा है कि भारत-चीन सीमा पर स्थिति पूरी तरह स्थिर है और दोनों पक्षों ने राजनीतिक और सैन्य चैनल के जरिए सीमा विवाद के मुद्दे पर बातचीत को जारी रखा है।
भारत और चीन के बीच संबंध अक्सर कटुता भरे रहे हैं। सीमा पर दोनों देशों के सैनिक भी जब-तब आमने-सामने आ जाते हैं। आख़िर दोनों देशों के बीच यह क्यों होता है? विवाद की जड़ में क्या है?
बैठक में सीडीएस और तीनों सेनाओं के प्रमुखों ने रक्षा मंत्री को सीमा पर हालात के बारे में जानकारी दी। दोनों देशों के सैनिकों के बीच यह झड़प 9 दिसंबर को तवांग सेक्टर के यांगस्ते इलाके में हुई थी।
दोनों देशों के बीच चार हजार किमी. लम्बी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के कई इलाक़ों पर अकसर एक-दूसरे के सैनिकों के द्वारा अतिक्रमण की घटना होती है जिन्हें आम तौर पर आपसी बातचीत के द्वारा सुलझा लिया जाता है। लेकिन जब तक एलएसी का निर्धारण नहीं होगा, तब तक इस तरह की झड़पें होती रहेंगी।