Satya Hindi news Bulletin सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। इमरान : अफ़ग़ानिस्तान में गुलामी की बेड़ियों को तोड़ दिया गया। काबुल हवाई अड्डे पर गोलीबारी, पाँच मरे, जहाज़ से 3 गिरे
पाकिस्तान के पंजाब प्रान्त के ज़िले डेरा रहीम यार ख़ान के भोंग शरीफ़ नामक इलाक़े में एक गणेश मंदिर में गत 5 अगस्त को तोड़ फोड़ की गई और मंदिर को क्षति पहुँचाई गई।
तहरीक ए लब्बैक पाकिस्तान नामक देश पर छा जाने को आतुर यह काली आँधी किसी शून्य से नहीं उपजी है। इसका सीधा रिश्ता पाकिस्तान के जन्म से जुड़े तर्कों से है।
पाकिस्तान ने भारत के साथ दोतरफा व्यापार फिर शुरू करने के फ़ैसले को पलट दिया है। प्रधानमंत्री इमरान ख़ान की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में कपास, धागे और चीनी के भारत से आयात करने के फ़ैसले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पत्र के जवाब में पत्र लिखा, यह अपने आप में उल्लेखनीय बात है लेकिन 23 मार्च के पत्र का जवाब देने में उन्हें एक हफ्ता लग गया, यह भी विचारणीय तथ्य है।
जिन्ना के देश पाकिस्तान के खैबर-पख्तूनख्वाह प्रांत में एक कृष्ण मंदिर को भीड़ ने ढहा दिया। उस भीड़ को भड़काया मौलाना मोहम्मद शरीफ ने, जिसका कहना था कि किसी मुसलिम देश में मंदिरों को ढहाना तो पुण्य-कर्म है।
कई अरब देश पहले ही इस्रायल से संबंध बनाने की दिशा में क़दम बढ़ा चुके हैं। यहाँ तक कि सऊदी अरब भी उसी दिशा में बढ़ता जा रहा है। ऐसे में पाकिस्तान पर भी भारी दबाव पड़ रहा है तो क्या उसे भी अरब देशों के पीछे चलना पड़ेगा? वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार की रिपोर्ट
पिछले दिनों पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट या पीडीएम के नाम से बना गठबंधन वैसे तो एक दूसरे की मुख़ालिफ़ सियासी पार्टियों का जोड़ है, पर सेना के प्रति ग़ुस्सा उन्हें एक किये हुये है। क्या इमरान ख़ान की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है?
क्या इमरान खान की सरकार अपने आख़िरी चरण में जा पहुँची है ? कराची में पुलिस और सेना सड़क पर आमने सामने क्यों आ गई है? पाकिस्तान का यह दौर कितने खून ख़राबे की ज़मीन तैयार कर रहा है और दुनियाँ पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा? बता रहे हैं दानिश्वर विभूति नारायण राय
एकजुट विपक्ष ने न केवल इमरान को कड़ी दी चुनौती दे दी है, बल्कि सेना को भी निशाने पर लिया है। ऐसे में क्या करेंगे इमरान, क्या करेगी सेना? चार बड़ी पार्टियों का संयुक्त मोर्चा पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट इमरान और सेना दोनों के लिए सिरदर्द बन गया है। पीडीएम के तीखे तेवरों से हालात बहुत उलझ गए हैं और कुछ भी हो सकता है। वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार की रिपोर्ट।