बिठूर पुलिस स्टेशन के एसओ कौशलेंद्र प्रताप सिंह ने कहा है कि विकास दुबे के लोग पूरी तरह तैयार थे और सभी लोग सेमी ऑटोमैटिक हथियारों से लैस थे दूसरी ओर, हमारे पास असलहा तक नहीं था।
राम राज का दावा करने वाली योगी सरकार के राज में राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की 2019 की एक रिपोर्ट के अनुसार तीन लाख एफ़आईआर के साथ अपराध में यह देश का सिरमौर राज्य है।
क्या मीडिया कानपुर में आठ पुलिसकर्मियों की एक अपराधी द्वारा की गई हत्या के मामले में उन पिछली घटनाओं से कुछ अलग व्यवहार कर रहा है जिनमें पुलिसकर्मियों की जान गई थी । २०१३ में डीएसपी जिया उल हक़ की हत्या के मामले में राजा भैया नामके मंत्री का मंत्रीपद ले लिया गया था और सीबीआई ने जाँच की थी । मीडिया ने तब की सरकार के कपड़े फाड़ डाले थे इस बार वह म्यूट क्यों है ? पूछ रहे हैं शीतल पी सिंह
कानपुर में एक बदमाश को पकड़ने गई पुलिस पार्टी पर हमले में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या किस बात का प्रतीक है। वरिष्ठ पत्रकार रामदत्त त्रिपाठी और वीरेंद्र नाथ भट्ट से बातचीत।
कानपुर देहात के बिकरू गांव में 8 पुलिसकर्मियों की शहादत के बाद पुलिस-प्रशासन ने शनिवार को कड़ी कार्रवाई करते हुए हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के घर को जेसीबी से ढहा दिया है।
दुबे को बचपन से ही जरायम की दुनिया में नाम कमाने का शौक था। वह काफी समय से गैंग बनाकर लूटपाट और हत्याएं कर रहा है और इसीलिए उसका एक लंबा आपराधिक इतिहास है।