क्या 2022 में हिंदुत्व की राजनीति और मज़बूत होगी? क्या मोदी-शाह के पास धर्म और राष्ट्रवाद के अलावा कोई और तीर तरकश में बचा है? विपक्षी पार्टियाँ इस आक्रामक हिंदुत्व से कैसे निपटेंगी? क्या यूपी के चुनाव के बाद तय होगी राष्ट्रीय राजनीति की दिशा और दशा? डॉ. मुकेश कुमार के साथ चर्चा में शामिल हैं-क़ुरबान अली, राजेश जोशी, मनीषा प्रियम, डॉ. रविकांत और शीतल पी. सिंह-