क्या हिंदी को पूरे देश पर थोपने की कोशिश की जा रही है? क्या इस भाषा का राजनीतिक इस्तेमाल किया जा रहा है? अगर ऐसा है तो यह निश्चित रूप से बेहद चिंता की बात है।
'हिंदी राष्ट्रभाषा है', कहकर अजय देवगन विवादों में आ गए हैं और दक्षिण के राजनेताओं ने उनकी आलोचना की है। जानिए अजय देवगन को लेकर उन्होंने क्या क्या कहा।
गृह मंत्री अमित शाह ने एक बार फिर हिंदी में बातचीत करने पर जोर दिया है लेकिन क्या वास्तव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उनकी सरकार, राज्यों की बीजेपी सरकारें अंग्रेजी के बजाय हिंदी को ही संपर्क भाषा बनाना चाहती हैं या सिर्फ इसका दिखावा किया जा रहा है?
अमित शाह हिंदी के प्रचार पर क्यों ज़ोर दे रहे हैं क्या उन्हें नहीं मालूम कि अहिंदीभाषी राज्यों के लिए बेहद संवेदनशील मसला है? क्या हिंदुत्व की राजनीति के तहत वे ऐसा कर रहे हैं? हिंदी थोपने की इस कोशिश का क्या नतीजा निकल सकता है?
हिंदी को लेकर फिर से विवाद क्यों बढ़ा है? क्या केंद्रीय गृहमंत्री उत्तर पूर्व के राज्यों में हिंदी को अनिवार्य करेंगे और तमिलनाडु बीजेपी हिंदी थोपे जाने पर कैसा प्रतिक्रिया देगी?
आज़ादी के बाद हिंदी कितनी तरक्की कर पाई? प्रतिवर्ष 14 सितंबर को सरकारी दफ्तरों, निकायों और महकमों में हिंदी दिवस का आयोजन किया जाता है। क्या सरकारी कामकाज में हिंदी का इस्तेमाल बढ़ा?
अमित शाह के ‘हिंदी हमारे देश को एकजुट करती है’ के बयान ने ही लोगों को ‘अलग’ करना शुरू कर दिया है। रजनीकांत ने कहा कि हिंदी को न सिर्फ़ तमिलनाडु बल्कि दक्षिण भारत के किसी भी राज्य में नहीं थोपा जाना चाहिए।