अडानी समूह को लेकर हिंडनबर्ग रिसर्च ने अपनी रिपोर्ट में जिस तरह के आरोप लगाए हैं, उस रिपोर्ट के आने से पहले ही एक निवेशक के बारे में गड़बड़ियाँ उजागर हुई हैं। जानिए, क्या आरोप लगा है।
अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के बाद अडानी समूह के शेयरों में आई गिरावट ने तहलका मचा दिया था तो क्या फिर से भारतीय कंपनियों को लेकर ऐसी स्थिति आने वाली है?
अडानी-हिंडनबर्ग के मामले में जाँच के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित पैनल ने क्या अडानी समूह को क्लीन चिट दे दी? जानिए पैनल की रिपोर्ट में क्या कहा गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने अडानी समूह से संबंधित मामले में आज मार्केट रेगुलेटर सेबी को जांच के लिए तीन महीने का समय दे दिया है। पिछली सुनवाई पर सेबी ने 6 महीने मांगे थे लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उसी समय इशारा कर दिया था कि इतना लंबा समय नहीं मिलेगा और हम कम से कम तीन महीने का समय देंगे। उसकी घोषणा आज कर दी गई है।
अडानी-हिंडनबर्ग के मामले में जाँच के लिए सेबी आख़िर छह महीने का समय और क्यों मांग रहा है? सेबी ने आख़िर क्या जाँच की है? जानिए, इस मामले में उसने सुप्रीम कोर्ट से क्या कहा।
अडानी समूह के खिलाफ जांच के लिए सेबी ने सुप्रीम कोर्ट से कम से कम 6 महीने का समय और मांगा है। हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट आने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने सेबी से 2 मई तक जांच रिपोर्ट पेश करने को कहा था। लेकिन सेबी की ओर से कल शनिवार को एक अर्जी दायर कर और समय मांगा गया है।
क्या प्रधानमंत्री मोदी करप्शन के सवालों पर चुप हैं। क्या पीएम मोदी पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक के आरोपों का सामना करने की स्थिति में नहीं हैं। इन तमाम सवालों का जवाब तलाशतीं वरिष्ठ पत्रकार वंदिता मिश्रा अपने साप्ताहिक कॉलम में, सिर्फ सत्य हिन्दी परः
संकट में घिरे उद्योगपति गौतम अडानी ने आज अचानक एनसीपी प्रमुख शरद पवार से मुलाकात की। आज ही कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक ट्वीट और एक वीडियो के जरिए अडानी समूह पर बड़ा हमला बोला। जानिए सारा राजनीतिक घटनाक्रमः
अडानी मुद्दे पर जेपीसी जांच का विरोध करने वाले एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने यूटर्न ले लिया है। अब वो विपक्षी एकता के लिए जेपीसी जांच की मांग का समर्थन करने को तैयार हो गए हैं। यह बड़ा घटनाक्रम कांग्रेस की बुजुर्ग नेता सोनिया गांधी के विपक्षी एकता के आह्वान के बाद सामने आया। जानिए पूरी राजनीतिः
एनसीपी चीफ शरद पवार ने आज शनिवार को अडानी मामले में विपक्ष की जेपीसी जांच की मांग खारिज कर दी। आखिर पवार ने कल की बात को आज फिर क्यों दोहराया। इसका क्या मतलब है। जानिए।
हिंडनबर्ग रिसर्च ने एक और धमाका किया है। इस बार अडानी समूह को लेकर नहीं, बल्कि ट्विटर के पूर्व सह संस्थापक रहे जैक डोर्सी की फर्म ब्लॉक इंक को लेकर। जानिए क्या हुआ असर।