वरिष्ठ पत्रकार और चर्चित लेखक हेमंत शर्मा की एक और किताब छप कर बाज़ार में आ गई है। हमेशा की तरह उनकी किताब के शीर्षक ‘एकदा भारतवर्षे’ से उसके कथ्य के पांडित्यपूर्ण होने की झलक मिलती है। इस पुस्तक की सामग्री उनकी पिछली किताबों से एकदम भिन्न शैली की है।
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ की ग़ैरमौजूदगी में भी उनकी नज़्म पाकिस्तान हुकूमत की चूलें हिला रही थी। ऐसी नज़्म को कुछ लोग अगर हिंदू विरोधी समझ रहे हैं तो उनकी बुद्धि पर तरस खाना चाहिए।