डेढ़ साल के बाद भी धर्म संसद हेट स्पीच मामले में कोई कार्रवाई नहीं ? सुप्रीम कोर्ट की भी दिल्ली पुलिस को परवाह नहीं ? क्यों ? कौन बचा रहा है ? क्यों बचाया जा रहा है? आशुतोष के साथ चर्चा में विनय तिवारी, यशोवर्धन आजाद, फ़िरदौस मिर्ज़ा, राकेश सिन्हा और प्रो अपूर्वानंद
बीजेपी सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने कर्नाटक में उत्तेजक भाषण देते हुए कहा कि हिन्दू अपने घरों में सब्जी काटने वाला चाकू तेज करवा करवा कर रखें। कर्नाटक में चार महीने बाद चुनाव हैं। वहां का माहौल रोजाना बिगाड़ने की कोशिश की जा रही है। प्रज्ञा का बयान भी उसी तरफ संकेत देता है। क्या कहा प्रज्ञा ने, पढ़िए पूरी रिपोर्ट और देखिए वीडियोः
सपा नेता आजम ख़ान पर ताज़ा कार्रवाई क्यों? जब नफ़रती भाषण के मामले में उनको जेल हुई तो सोशल मीडिया पर ऐसे ही दूसरे नफ़रती भाषणों के मामले में कार्रवाई पर सवाल उठने लगे। जानिए क्या कार्रवाई हुई है।
एक ही पूजा घर में भिन्न भिन्न देवी देवताओं की छवियों से हिंदू मन में कभी भी दुविधा या भ्रम नहीं होता। अगर देवी देवता मात्र अलग अलग रूपाकार नहीं, अलग-अलग विचारों या भावों का प्रतिनिधित्व करते हैं तो क्या उनके अर्थ पर कभी सामाजिक विचार किया गया है?
सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में हेट स्पीच पर देश के नेताओं और राजनीतिक दलों को तमाम नसीहतें दी हैं। इससे पहले यूएन महासचिव गुटारेस भारत में आकर इसी मुद्दे पर नसीहत देकर गए थे। अंधे राष्ट्रवाद के दौर में क्या ऐसी नसीहतें देने वालों को भारत विरोधी साजिशकर्ता मान लिया जाए, इस लेख में यही सवाल तनवीर जाफरी पूछ रहे हैंः
क्या अब नफ़रती भाषण और बयानबाजी करने वालों की खैर नहीं होगी? सुप्रीम कोर्ट को राज्यों को आख़िर यह क्यों चेताना पड़ा कि नफ़रती भाषणों पर कार्रवाई करें नहीं तो अवमानना कार्रवाई होगी?
विश्व हिंदू परिषद द्वारा रामलीला मैदान में आयोजित जिस हिंदू सभा में नफ़रती भाषण का विवाद सामने आया था उस पर पुलिस ने कार्रवाई की है। जानिए, पुलिस ने क्या कदम उठाया है।
उत्तर पूर्वी दिल्ली दंगा आख़िर कैसे भड़का था? नफ़रत फैलाने के लिए कौन ज़िम्मेदार था? क्या कार्रवाई की गई? जानिए सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली एक कमेटी ने क्या निष्कर्ष निकाला है।
सरकार ने कथित तौर पर फर्जी ख़बरें और नफ़रती कंटेंट परोसने पर यूट्यूब चैनलों पर प्रतिबंध लगाए हैं, लेकिन क्या सरकार ऐसा ही काम करने वाले टीवी चैनलों पर कार्रवाई करेगी?
हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने हेट स्पीच पर टीवी एंकरों और सरकार को तमाम नसीहतें दी हैं। कोर्ट ने टीवी एंकरों से कहा कि वो अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकते। उसने सरकार से कहा कि वो हेट स्पीच पर मूक दर्शक बनी हुई है। वंदना मिश्रा ने यही सवाल किया है कि क्या सरकार अब हेट स्पीच वालों पर एक्शन का साहस दिखा पाएगी। पढ़िए, यह लेख।
सुप्रीम कोर्ट ने टीवी चैनलों पर नफरती भाषा को लेकर बुधवार को सुनवाई के दौरान चिन्ता जताई। उसने केंद्र सरकार से सवाल किया कि वो मूक दर्शक क्यों बनी हुई है। अदालत ने टीवी एंकरों को भी आगाह किया है कि उनकी जिम्मेदारी नफरती भाषा को रोकने की ज्यादा है।
ऑल्ट न्यूज के संस्थापक और पत्रकार मोहम्मद जुबैर को दिल्ली पुलिस ने सोमवार शाम को गिरफ्तार कर लिया। दिल्ली पुलिस ने उन पर कथित धार्मिक भावनाएं भड़काने का आरोप लगाया है। मोहम्मद जुबैर लंबे समय से सत्ताधीशों को चुभ रहे थे। नूपुर शर्मा का मामला उठाने के बाद उन पर पुलिस की नजर थी।
ऑल्ट न्यूज़ के मुहम्मद ज़ुबैर के ख़िलाफ़ धार्मिक भावनाओं को भड़काने का आरोप क्यों लगा? क्या बजरंग मुनि, यति नरसिंहानंद और स्वामी आनंद स्वरूप को नफ़रती भाषण देने वाला बोलने से धार्मिक भावनाएँ भड़कती हैं?