अगर स्कूल विद्यार्थियों को सारे धर्मों से परिचित करवाने के क्रम में मस्जिद ले जाना चाहें तो उसपर भी स्कूल के ख़िलाफ़ हिंसा हो सकती है। ऐसे हालात में क्या स्कूल या कॉलेज शिक्षा का अपना धर्म निभा सकते हैं?
उत्तर प्रदेश और दिल्ली में मुस्लिम छात्रों के साथ आपत्तिजनक व्यवहार और उन पर की गई टिप्पणी के बाद ऐसा ही मामला कर्नाटक में आया है। जानिए, क्या है मामला।
इस ‘हिंदू समय’ में कितना हिंदू विचार है और कितना हिंदू विरोध? क्या हिंदुत्व की राजनीति ने हिंदू धर्म के सामने वाक़ई एक गंभीर चुनौती नहीं खड़ी कर दी है? पढ़ें कांग्रेस से जुड़े पंकज श्रीवास्तव की टिप्पणी।
यूपी में पुलिस एनकाउंटर का सिलसिला जारी है। आज मंगलवार सुबह कौशांबी जिले में एक वांछित आरोपी मोहम्मद गुफरान का पुलिस ने एनकाउंटर कर दिया। यूपी में तमाम पुलिस एनकाउंटर पर विवाद है। विपक्ष का आरोप है कि यूपी पुलिस सिर्फ खास समुदाय के कथित अपराधियों का एनकाउंटर कर रही है।
उत्तर प्रदेश में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। एक मुस्लिम युवक को पेड़ से बांधकर पीटा, उसे ही जेल भेज दिया और जब मामला बढ़ गया तो जानिए अब क्या कार्रवाई हुई।
उत्तराखंड के पुरोला में प्रशासन की सख्ती और धारा 144 लागू होने की वजह से दक्षिणपंथी संगठन महापंचायत नहीं कर सके। लेकिन कई जगह प्रदर्शन हुए। यह महापंचायत समुदाय विशेष के लोगों को शहर से निकालने के लिए बुलाई गई थी। हिन्दू संगठनों ने कहा है कि अब 25 जून को महापंचायत होगी।
उत्तराखंड के पुरोला में होने वाली महापंचायत पर प्रशासन ने रोक लगा दी है। वहां धारा 144 लगा दी गई है। लेकिन विश्व हिन्दू परिषद और बजरंग दल इसके आयोजन पर अड़े हुए हैं। यह महापंचायत पुरोला से मुस्लिम दुकानदारों और आबादी को निकालने के लिए आयोजित की जाने वाली है।
उत्तराखंड के पुरोला शहर में मुस्लिमों के ख़िलाफ़ दक्षिणपंथी आख़िर क्यों नफ़रत उगल रहे हैं? जानिए, मुस्लिमों की दुकानों के बाद अब मुस्लिम किरायेदारों के ख़िलाफ़ अभियान चलाने वाले कौन।
उत्तराखंड में धर्म के आधार पर निशाना बनाए जाने का मामला सामने आया है। यहाँ तक कि 15 जून से पहले दुकानें खाली करने की चेतावनी दी गई है। जानें ऐसी नफ़रत क्यों और क्या गुजर रही है मुस्लिम दुकानदारों पर।
उत्तराखंड में अभी हिन्दू संगठनों के दबाव पर बीजेपी नेता ने अपनी बेटी की शादी मुस्लिम युवक से रोक दी। इसकी काफी चर्चा है। लोगों ने सोशल मीडिया पर अपने-अपने ढंग से इस मुद्दे पर चर्चा की है। पत्रकार पंकज श्रीवास्तव की बात जानिएः
क्या शादियाँ भी अब युवक-युवती की पसंद से नहीं होंगी, बल्कि हिंदुत्व संगठन तय करेंगे? आख़िर उत्तराखंड में बीजेपी नेता की बेटी की मुसलिम युवक से शादी को क्यों रद्द करना पड़ा?
हेट स्पीच के खिलाफ भारत में कानून भी है और अदालत की नजर भी रहती है। हाल ही में भारत के चीफ जस्टिस ने हेट स्पीच पर कहा कि ऐसा करने वाले नपुंसक हैं लेकिन दरअसल ऐसी प्रवृत्ति के लोग आपराधिक सोच वाले हैं, उन्हें नपुंसक बताना एक तरह से उन्हें स्वीकार करना हो गया।