बीजेपी 27 साल से गुजरात की सत्ता में है। क्या इस बार वह फिर सत्ता में लौटेगी या फिर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी उसकी राह मुश्किल करेंगे। जानिए मतदान से जुड़े ताजा अपडेट्स।
गुजरात में कल होने वाले पहले चरण के मतदान में किसका पलड़ा भारी? पहले चरण में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के लिए क्या? बीजेपी नेताओं के बयानों से क्या अर्थ निकलता है? Sharat ki Do took में इसी पर चर्चा.
गुजरात चुनाव का पहला दौर। सौराष्ट्र, कच्छ और दक्षिण गुजरात की 89 सीटों पर वोट पड़ेंगे। क्या हैं मु्द्दे और कैसे दिखेगा हवा का रुख? आलोक जोशी के साथ राजकोट से विकास मेहता, सूरत से नरेश वरिया और गुजरात का दौरा कर लौटे शीतल पी सिंह और पूर्णिमा जोशी।
क्या गृहमंत्री अमित शाह को भी अब यह लगने लगा है कि कट्टरपंथ हर संप्रदाय में दिखने लगा है और यह किसी धर्म विशेष तक सीमित नहीं है? आख़िर उन्होंने क्यों कहा कि कट्टरपंथ एक संप्रदाय तक सीमित नहीं है?
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे ने मोदी को पहले झूठों का सरदार कहा ! अब उनकी तुलना रावण से की ! क्या कांग्रेस ने फिर अपने पैर में कुल्हाड़ी मारी ? ये जानते हुये कि मोदी गुजरात चुनावों में इसको जमकर भुनायेंगे और खुद को विक्टिम की तरह पेश करेंगे ?
गुजरात में बीजेपी को क्या उन बड़े नेताओं की ओर से है भितरघात की आशंका है जिन्हें इस बार उम्मीदवार नहीं बनाया है या पहले भी जिन्हें चुनाव लड़ने से रोका गया था?
मल्लिकार्जुन खड़गे के बयान पर बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा है कि यह बयान मल्लिकार्जुन खड़गे का नहीं है बल्कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और सोनिया गांधी का है और गुजरात के विधानसभा चुनाव में जनता इसका जवाब देगी।
गुजरात विधानसभा चुनाव और दिल्ली नगर निगम चुनाव एक साथ होने के पीछे क्या कोई रणनीति है? और यदि यह बीजेपी की रणनीति थी तो वह अपने मक़सद में कितनी कामयाब हुई है?
गुजरात विधानसभा चुनाव के आखिरी हफ्ते में इस किस्म के संदेश दिए जा रहे हैं कि बीजेपी की हार नहीं हो सकती। इसी तथ्य का विश्लेषण पत्रकार प्रेम कुमार ने अपने इस लेख में किया है।
गुजरात में चुनाव ड्यूटी पर आए पैरा मिलिट्री फोर्स के जवानों का आपस में झगड़ा हुआ। उनके एक साथी ने एके 47 से फायरिंग कर दी, जिसमें दो जवान मारे गए। घटना पोरबंदर में शनिवार शाम 7 बजे हुई थी। अभी तक घटना की वजह सामने नहीं आई हैः
गुजरात चुनावों में 2002 दंगों की वापसी हो गई । अमित शाह और योगी आदित्यनाथ ने कहा हमने दंगाइयों को सबक़ सिखा दिया । अब गुजरात में नहीं होती हिंसा और नहीं लगते कर्फ्यू ? क्यों आई बीजेपी को दंगों की याद?
विकास की बात करने वाले मोदी शाह गुजरात चुनाव में अंततः अपने पुराने हथकंडे पर लौट आए है . गृह मंत्री को अब दंगा याद आ गया है और इसका इस्तेमाल चुनावी गोलबंदी के लिए किया जा रहा है .आज की जनादेश चर्चा .
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुजरात चुनाव के प्रचार के दौरान दंगों का जिक्र क्यों किया? क्या इससे बीजेपी की हताशा दिख रही है या बीजेपी ने ये ब्रह्मास्त्र चल दिया है? Sharat ki Do Took में इसी पर चर्चा.