यह विवाद तब शुरू हुआ जब एक शख्स ने गजवा-ए-हिंद के बारे में ऑनलाइन जानकारी मांगी। दारुल उलूम देवबंद ने गजवा हिन्द की पूरी अवधारणा उस शख्स को समझाई। हालांकि दारुल उलूम देवबंद ने गजवा-ए-हिन्द का कहीं से भी समर्थन नहीं किया। लेकिन भाजपा और एक अन्य संस्था का आरोप है कि दारुल उलूम इसका प्रचार कर रहा है। उसने सहारनपुर पुलिस से कार्रवाई की मांग की है। इस संबंध में सत्य हिन्दी ने फोन पर दारुल उलूम देवबंद से संपर्क कर उनका पक्ष जानना चाहा, लेकिन फोन एक बार भी नहीं उठा।