भारत में पहले दौर के पूंजीपतियों और मौजूदा दौर के पूंजीपतियों का महीन अंतर समझा रहे हैं पत्रकार और लेखक अपूर्वानंद। उनके मुताबिक पहले दौर के पूंजीपति राष्ट्र निर्माण में भी भूमिका निभाते रहे हैं। नया दौर सेठ तंत्र विकसित कर रहा है, जो सिर्फ अपने मुनाफे के बारे में सोचता है।
संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण के मोशन ऑफ़ थैंक्स पर एक बहस में राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी पर जो टिप्पणी की थी उस पर अब उन्हें एक नोटिस दिया गया है। जानिए किसने और क्यों नोटिस दिया।
अडानी के मामले में पीएम मोदी उनसे रिश्तों का अब चाहे लाख छिपाना चाहें, वो छिप नहीं सकता। देश में यह संदेश साफ जा चुका है कि अडानी-मोदी रिश्ते बहुत साफ हैं। इसे चाहकर भी नहीं छिपाया जा सकता।
दुनियाभर में आर्थिक मामलों की प्रतिष्ठित पत्रिका द इकोनॉमिस्ट ने भारत में अडानी मामले पर तीखे सवाल किए हैं। उसने इस मामले को कवर स्टोरी बनाया है। उसने हिंडनबर्ग रिसर्च से उठने सवालों को और गहराई से उठाया। अंतरराष्ट्रीय मीडिया में इस समय अडानी मामला और केंद्र सरकार की साख चर्चा का विषय है।
मुश्किलों से घिरे अडानी समूह ने अमेरिका में कानूनी लड़ाई की तैयारी तेज़ की। क्या हिंडनबर्ग को सबक सिखा देगा अडानी समूह? या अमेरिका में कानूनी लड़ाई मुश्किल होगी? उधर शेयर बाज़ार में बुरी खबरों का सिलसिला रुकने का नाम नहीं लेता।
लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी प्रधानमंत्री मोदी को अडानी के मुद्दे पर विपक्ष का भारी विरोध का सामना करना पड़ा. अडानी मोदी भाई भाई जैसे नारे लगे. आज की जनादेश चर्चा.
प्रधानमंत्री मोदी आज गुरुवार को राज्यसभा में डेढ़ घंटे तक धाराप्रवाह बोलते रहे। निशाने पर कांग्रेस से भी ज्यादा गांधी-नेहरू परिवार था। अडानी मुद्दा आज भी उनके भाषण से गायब रहा। लेकिन विपक्ष ने पूरी ईमानदारी से अडानी मुद्दे को नारे के जरिए पूरी दुनिया में पहुंचा दिया। लोकसभा में राहुल तो राज्यसभा में विपक्ष के नारे बीजेपी को बहुत समय तक परेशान करने वाले हैं।
अडानी समूह की कंपनियों में फ्रांस की टोटल एनर्जी कंपनी का सबसे ज्यादा निवेश है। हाल ही में दोनों कंपनियों के बीच हाइड्रोजन प्रोजेक्ट को लेकर डील हुई थी लेकिन उस पर हस्ताक्षर बाकी हैं। टोटल ने कहा है कि फिलहाल इस डील पर हस्ताक्षर नहीं किए जा रहे हैं।
असली बवाल शुरु हुआ करीब एक हफ्ते से ठप पड़ी संसद में जब राहुल गांधी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के बहाने अडानी समूह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नजदीकी पर सवाल उठाना शुरु कर दिया।
कांग्रेस-बीजेपी के बीच अब अडानी के बजाय राहुल गांधी पर जंग छिड़ गई है। संसदीय कार्यवाही से राहुल के आरोपों को हटाने पर कांग्रेस ने इसे लोकतंत्र की हत्या बताया। दूसरी तरफ बीजेपी सांसद राहुल के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दे रहे हैं। क्या कहते हैं संसदीय नियम, जानिएः
अडानी मुद्दा गरम है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मोदी सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया। राहुल ने आरोपों के दौरान अडानी के श्रीलंका प्रोजेक्ट का जिक्र किया था। आखिर क्या था वो प्रोजेक्ट, राहुल कितना सच बोले, जानिएः
संसद में अडानी पर आज फिर घमासान होने वाला है। बीजेपी के तमाम नेता और सांसदों ने राहुल पर हमला बोल दिया है। कांग्रेस शासन के घोटाले याद किए जा रहे हैं। राहुल के सवालों का जवाब कोई नहीं दे रहा है। अलबत्ता पीएम मोदी आज बुधवार को दोपहर बाद राहुल को जवाब दे सकते हैं। उसकी तैयारी जारी है।
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अडानी के शेयरों में सुधार के आसार। लेकिन संसद में राहुल का मोदी सरकार पर ज़ोरदार हमला। क्या बाज़ार में अडानी की मुश्किलें खत्म हो गई हैं? और क्या अब अडानी कांड पर राजनीति तेज़ होगी? आलोक जोशी के साथ राजीव रंजन सिंह और राजनीतिक विश्लेषक।