संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर सोमवार को देशभर में किसानों ने विश्वासघात दिवस मनाया। मोर्चा ने कहा है कि वो 3 फरवरी को मिशन यूपी के अगले चरण की घोषणा करेगा। हम बीजेपी को हराए बिना चैन से नहीं बैठेंगे। जानिए एसकेएम ने और क्या कहा।
मिशन उत्तर प्रदेश के तहत संयुक्त किसान मोर्चा केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र टेनी को गिरफ्तार करने और केंद्रीय मंत्रिमंडल से उनकी बर्खास्तगी की मांग को उठाएगा।
क्या राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने मोदी के बारे में सच कहा है? वे मोदी पर लगातार हमले क्यों कर रहे हैं? क्या मोदी इस हमले को बर्दाश्त कर लेंगे या मलिक की छुट्टी कर देंगे? डॉ. मुकेश कुमार के साथ चर्चा में शामिल हैं- राजेश बादल, विनोद अग्निहोत्री, अनिल त्यागी, ओंकारेश्वर पांडे और पुष्पेन्द्र सिंह-
यूपी के चुनाव के चलते केंद्र सरकार ने किसान आंदोलन के सामने घुटने टेक दिए .अब किसान दिल्ली की दहलीज से गांव लौटेंगे .और इस जीत का जश्न गांव गांव मनेगा .पर इसके बाद क्या होगा सुने आज की जनादेश चर्चा .
Satya Hindi news Bulletin सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। आंदोलन हुआ स्थगित, 11 दिसंबर से घर जाने लगेंगे किसान । किसान नेता बोले - सरकार ने वादे नहीं निभाए तो फिर होगा आंदोलन
पंद्रह महीनों के आंदोलन ने क्या सरकार को झुकने के लिए मजबूर कर दिया? मोदी सरकार को उनकी अधिकाश माँगे क्यों माननी पड़ी हैं मगर क्या इसे किसानों की पूरी जीत माना जा सकता है? किसान क्यों कह रहे हैं कि दिल्ली की सीमाओं से हटने के ऐलान के बावजूद आंदोलन जारी रहेगा? पाँच राज्यों के चुनाव पर सरकार की इस हार का क्या असर पड़ेगा?
विश्व का सबसे लम्बा चलने वाला किसान आंदोलन आज ख़त्म हुआ। संयुक्त किसान मोर्चा की सभी मांगें सरकार ने मान ली जिसके बाद आंदोलन ख़त्म होने की घोषणा हुई। 11 दिसंबर को किसान अपने घर लौटेंगे लेकिन हर महीने स्थिति की समीक्षा होगी। आखिर मोदी सरकार को किसानों ने झुका ही दिया।
किसानों के आंदोलन ने मोदी सरकार को बैकफ़ुट पर धकेल दिया। सरकार को समझ आ गया था कि यह आंदोलन उसकी सियासी ज़मीन को खिसका सकता है, इसलिए उसने किसानों की मांगों को मान लिया।
तीन कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ 15 महीनों से प्रदर्शन कर रहे किसानों ने आज आंदोलन ख़त्म करने की घोषणा कर दी है। जानिए, किसानों की कौन सी मांगें मानी गईं और कौन सी नहीं।