Satya Hindi News Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। टिकैत : आंदोलन ख़त्म नहीं होगा, शांति बनाए रखें । मुज़फ़्फरनगर में आज किसानों की महापंचायत, जुटेंगे किसान
दुष्कर्म करने वाली अधिकांश भारतीय मीडिया का हालिया रिकॉर्ड देखकर उनको जनता का दुश्मन क़रार देना कुछ ग़लत न होगा। किसान आंदोलन में कैसी रही इसकी भूमिका?
क्या राकेश टिकैत के रो पड़ने ने किसान आंदोलन में नये सिरे से जान फूँक दी है? रात यह लग रहा था कि पुलिस ज़बरन किसानों को ग़ाज़ीपुर बॉर्डर से हटा देगी लेकिन वैसा नहीं हुआ।
दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर गाज़ीपुर से किसानों को हटाने की ख़बरों के बीच तनाव है। भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है तो किसान भी भारी तादाद में पहुँच गए हैं। टिकरी और सिंघू बॉर्डर पर भी किसान प्रदर्शन कर रहे हैं।
किसान आंदोलन को लेकर ट्वीट करते रहे पत्रकार राजदीप सरदेसाई, मृणाल पाण्डेय, सांसद शशि थरूर जैसे आठ लोगों के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज कराई गई है। इनपर जानबूझकर दंगा कराने का आरोप लगाया गया है।
इंडिया टुडे ने अपने कंसलटिंग एडिटर और वरिष्ठ एंकर राजदीप सरदेसाई को दो हफ़्तों के लिए ऑफ एअर कर दिया है, यानी उन्हें इस समय के लिए एंकरिंग से हटा दिया है।
Satya Hindi News Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। ग़ाज़ीपुर बॉर्डर पर भारी सुरक्षाबल और दर्जनों रोडबेज बसें तैनात । सिंघु बॉर्डर पर आंदोलन के ख़िलाफ़ कुछ लोगों ने की नारेबाज़ी
Satya Hindi News Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। राकेश टिकैत ने आत्महत्या करने की धमकी दी । पुलिस गाज़ीपुर बॉर्डर खाली कराेने पहुँची, टिकैत बोले - नहीं करेंगे खाली
सरकार की स्क्रिप्ट के हिसाब से ही हो रहा सबकुछ? आंदोलन को पटरी से उतारने के लिए सरकार क्या कर रही? देखिए वरिष्ठ पत्रकार आलोक जोशी का विश्लेषण। Satya Hindi
सरकार का क़हर शुरू । किसानों पर देशद्रोह और UAPA में मुकदमा । क्या आंदोलन खत्म ? आशुतोष के साथ चर्चा में डा सुनीलम, विजय त्रिवेदी, सतीश के सिंह, नरेंद्र तनेजा ।
उत्तर प्रदेश के ग़ाज़ियाबाद प्रशासन ने कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ चल रहे किसान आन्दोलन से जुड़े संगठनों को ग़ाज़ीपुर बॉर्डर खाली करने का नोटिस दे दिया है।
16 विपक्षी दलों के नेताओं ने इसका एलान करते हुए कहा है कि वे आन्दोलनकारी किसानों के साथ है और उनके साथ एकजुटता प्रकट करने के लिए राष्ट्रपति के अभिभाषण का बायाकॉट करेंगे। इन दलों ने एक तीनों कृषि क़ानूनों को रद्द करने की माँग सरकार से की है।